November 22, 2024

अलसी के डंठल से बनेगा लिनेन का कपड़ा, ग्रामीण महिलाओं को दिया गया प्रशिक्षण, कलेक्टर ने किया निरीक्षण

बेमेतरा। छत्तीसगढ़ के बेमेतरा में अलसी डंठल के रेशे से कपड़ा बनाना जाएगा, रेवेन्द्र सिंह वर्मा कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र बेमेतरा में लिनेन फ्राम लिनसीड स्टाक के प्रयोगशाला भवन में अलसी के अपशिष्ट के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं की आजीविका वृद्धि परियोजना 20 महिलाओं का अलसी के धागा का बुनाई पर 40 दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। ये महिलाएं अलसी के डंठल के रेशे से लिनेन की क्वालिटी का कपड़ा बनाएंगी। इस रेशे से बने कपड़े की क्वालिटी अच्छी होने के कारण इसकी डिमांड भी अच्छी है। अलसी की खेती और कपड़ा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कृषि विश्वविद्यालय रायपुर मदद कर रहा है।

बेमेतरा कलेक्टर पीएस एल्मा कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र पहुंचे। लिनेन फ्राम लिनसीड स्टाक के प्रयोगशाला भवन का भ्रमण किया। प्रशिक्षित महिलाओं से बातचीत की। महिलाओं ने प्रशिक्षण को उपयोगी बताया। कलेक्टर ने कहा कि हाथों के हुनर की प्रशंसा के साथ अच्छी कीमत भी मिलती है। इससे आपकी आय और तरक्की का रास्ता खुलेगा। कलेक्टर एल्मा ने महिलाओं को प्रशिक्षण प्रमाण पत्र दिए। जिला प्रशासन ने खनिज निधि से इस प्रशिक्षण के लिए राशि स्वीकृत किया है।

नोडल अधिकारी डॉ. केपी वर्मा ने बताया कि प्रशिक्षित महिलाएं शुरुआत में तीन से चार हजार रुपये प्रतिमाह अपने घरेलू कार्य कर कमा सकती है। हर दिन लगभग 10 मीटर कपड़ा बना सकती हैं इन महिलाओं को लगभग छह महीने और सीखने की जरुरत हैं। भविष्य में प्रशिक्षित महिलाओं की सोसाइटी का पंजीयन कराकर सक्षम बनाना है।

error: Content is protected !!