जॉब कार्ड एक – परिवारों के नाम अनेक : ग्रामीणों ने रोजगार सहायक पर लगाया मनमानी का आरोप

बेमेतरा। छत्तीसगढ़ के बेमेतरा में बेरला जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत सिंघौरी के आश्रित गांव सिरसा के ग्रामीण परेशान है. ग्रामीणों ने रोजगार सहायक पर मनमानी का आरोप लगाया है. गांव के लोगों का कहना है कि रोजगार सहायक की गलत इंट्री के कारण उन्हें कोई भी सरकारी लाभ नहीं मिल रहा है.

ग्रामीणों का आरोप है कि जॉब कार्ड में अलग अलग व्यक्तियों का नाम दूसरे परिवार के साथ जोड़ दिए गए है. जिससे उन्हें शासन के योजनाओं का कोई भी लाभ नहीं मिल पा रहा है. उन्हें आर्थिक रूप से परेशानी हो रही है. प्रधानमंत्री आवास सहित विभिन्न प्रकार के योजनाओं में भी उनका नाम नहीं है.
पिछले कुछ सालों से जानबूझकर परिवारों का जॉब कार्ड इधर उधर कर दिया गया है. पता चला है कि एक परिवार में दूसरे का नाम डाल दिया गया है. 50 परिवारों के जॉब कार्ड में गड़बड़ी हुई है. इसकी जांच होनी चाहिए. -कुंवरजीत गायकवाड, उपसरपंच, सिंघौरी
मेरे पास जमीन जायदाद कुछ नहीं है. मजदूरी करके जीता हूं. घर में दो लड़के, नाती पोता है.मेरे बड़े बेटे का नाम 10 साल पहले रोजगार सहायक सूची में नाम था, जॉब कार्ड बना है लेकिन आवास नहीं दे रहे हैं. बताया जा रहा है कि नाम गड़बड़ है.- कृपा राम टंडन, ग्रामीण सिरसा
सिरसा गांव के लोग बड़ी संख्या में बेमेतरा जिला पंचायत कार्यालय पहुंचे और सीईओ को ज्ञापन सौंप कर अपनी परेशानी बताया. गांव वालों ने गांव के रोजगार सहायक को हटाकर दूसरे रोजगार सहायक की भर्ती करने की मांग की है. ग्रामीणों की शिकायत पर जिला पंचायत सीईओ ने मनरेगा एपीओ से इसकी जानकारी ली.

सिरसा गांव के लोग आए थे. उनका कहना है कि रोजगार सहायक ठीक से काम नहीं कर रहा है. कई सालों से दूसरे परिवारों के सदस्यों के नाम एक जॉब कार्ड में जुड़े हैं. एपीओ नरेगा से बात करने पर उन्होंने बताया कि फ्रंट पेज से डाटा अलग नहीं हो पाया है लेकिन वास्तव में परिवार का अलग हो गया है. अलग अलग परिवारों का अलग अलग जॉब कार्ड है.- टेकचंद अग्रवाल, सीईओ, जिला पंचायत बेमेतरा
बेमेतरा जिला पंचायत के सीईओ ने रोजगार सहायक की शिकायत मिलने की भी बात कही. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों की मांग है कि रोजगार सहायक पर कार्रवाई की जाए. पूरे मामले की जांच के बाद रोजगार सहायक पर एक्शन लिया जाएगा.