November 19, 2024

CG : जितने बरस की नौकरी उतने ही पौधे लगाते हैं हर वर्ष, प्राचार्य पर्यावरण संरक्षण का दे रहे अच्छा संदेश…

बेमेतरा। छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कंडरका में पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया। इस आयोजन में शिक्षक शिक्षकाएं और छात्र -छात्राओं ने जमकर हिस्सा लिया। बताया जा रहा है कि, विकासखण्ड बेरला के प्राचार्य राजेंद्र झा ने पिछले 9 जुलाई 2009 से अनवरत हर बरस शिक्षकीय सेवा जितने वर्ष पूर्ण होता है उतने ही पौधे प्रति वर्ष लगाया जा रहा है। जिसमें कदम्ब, कटहल, अमरुद, जामुन, मुनगा, बरगद, पीपल, नीम, फास्टल पाम, एरिका पाम, रक्त चंदन, श्वेत चंदन, बादाम, रुद्राक्ष, मौलश्री, कपूर, हर्रा, बहेरा एवं अन्य फलदार एवं छायादार पौधों का रोपण करते आ रहे हैं।

नवाचारी शिक्षिका केंवरा सेन ने कहा कि, प्राचार्य राजेंद्र झा अपने विद्यालय ही नहीं, अन्य विद्यालय और आंगनबाड़ी केंद्रों में भी पौधा रोपण कर हरियाली बिखेर रहे हैं। उनके द्वारा अपने शिक्षकीय सेवा के 36 वें वर्ष 36 औषधीय पौधे और 37 वें वर्ष 37 औषधीय पौधे का रोपण किया गया। वर्तमान में शिक्षकीय सेवा के 36 वें वर्ष 36 पौधे श्वेत चंदन, रक्त चंदन, रुद्राक्ष, मौलश्री, कपूर, कटहल, अमरुद, जामुन, मुनगा, बरगद, पीपल, नीम, फास्टल पाम, एरिका पाम और पुष्पीय पौधे संकुल कंडरका के अंतर्गत सभी प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक विद्यालय में पौधरोपण कर एक पेड़ नौकरी के नाम को सार्थक कर सभी को पेड़ लगाने का सुंदर संदेश दे रहे हैं।

इस मौके पर रविशंकर सेन, चेतन साहू, दीपक साहू, पुष्पा नायक, मनीषा कुलकर्णी, पुष्पांजलि दीवान, भीमलता परगगिहा, तुलसी टंडन, राजेश्वरी सोनी, सरस्वती साहू और मिडिल स्कूल से प्रहलाद कुमार टिकरिहा प्रधानाध्यापक केवरा सेन और राजराजेश्वर राजा सम्मलित हुए थे। इस कार्य के लिए सभी संस्था प्रमुखों और स्टाफ के द्वारा सादर आभार जताया गया। नवाचारी शिक्षिका केंवरा सेन ने बताया कि, आज प्रतिदिन पेड़ों की कटाई हो रही है। यदि ऐसा ही रहा तो एक दिन आने वाली पीढ़ी पेड़ क्या है और जंगल क्या है इसके बारे में जान नहीं पाएंगे। इसलिए यदि आज यदि एक पेड़ की कटाई हो रही है, तो उनके स्थान पर 10 पेड़ हमें लगाना चाहिए। इसके साथ ही औषधि वाले पेड़ों के उपयोग और गुण के बारे में भी हमें बताना चाहिए।

उन्होंने ने बताया कि, इस प्रकार से एक प्राचीन चिकित्सा विज्ञान का महत्व और भी बहुत बढ़ जाएगा। समाज के लोग भी प्रति व्यक्ति यदि इस प्रकार पेड़ लगाते हैं तो निश्चित ही भविष्य में इसके अच्छे परिणाम मिलेंगे। ग्राम स्तर पर या विद्यालय स्तर पर जैसे सफेद चंदन, रक्त चंदन, रूद्राक्ष लगाते है तो एक प्रकार से यह अद्भुत है क्योंकि बहुत लोग इस पेड़ से परिचित नहीं होते। इसे जानेंगे भी एवं उपयोग भी करेंगे, जो बहुत ही कीमती है।

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