March 23, 2025

बलि प्रथा के खिलाफ प्रदर्शन : सिद्धि माता मंदिर में 13 दिनों तक बलि देने की चली आ रही है परंपरा

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बेमेतरा। छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में स्थित सिद्धि माता मंदिर में होली के दूसरे दिन से 13 दिनों तक बकरों की बलि दी जाती है। इसी प्रथा को बंद करने की मांग को लेकर दंडी स्वामी ज्योतिर्मयानंद महाराज सहित सैकड़ों लोग सड़क पर उतर कर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। मंदिर में बलि प्रथा को बंद करने की मांग कर रहे हैं। इसकी सूचना मिलते ही पुलिस और आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों को समझने की कोशिश कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि, बेमेतरा से 15 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम संडी में स्थित सिद्धि माता का मंदिर है। जो एक खेत में छोटी सी कुटिया में विराज मान थी। मान्यता है कि, एक किसान जीवन लाल साहू को स्वप्न देकर खेत में माता सिद्धि उद्गम हुई थी। 1965 में हल चलाते समय खेत में देखी थी। माता स्वरूप मूर्ति, मन्नत की बखान है कि जीवन साहू कि पत्नी आए दिन भग कर अपने मायके चली जाती थी। एक दिन साहू को स्वप्न आया। जहां खेत में माता के स्वरूप उद्गम हुई। सिद्धि माता जिसको जीवन साहू ने सुमर कर मन्नत मांगी कहा की मेरी पत्नी बार -बार अपने मायके चली जाती है साथ ही संतान की प्राप्ति की माता से मन्नत मांगी।

बरसों के चली आ रही पंम्परा

इसके बाद उसकी पत्नी उसी दिन वापस घर आ गई। कुछ समय बीत जाने के बाद उसे पुत्र प्राप्त हुआ। जीवन साहू को खुशी हुई और माता के नाम पर बकरा की बलि दिया। जिसके बाद से यह प्रथा चली आ रही है। लोग यहां अपनी मुराद लेकर आते है। यह पूरा होने पर होली के दूसरे दिन से लेकर 13 दिनों तक यह बलि देने की परंपरा चली आ रही है। लोग इस परंपरा को निभा रहे है। अब इस प्रथा को रोकने के लिए दंडी स्वामी ज्योतिर्मयानंद महाराज सहित सैकड़ों लोग सड़क पर उतर कर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। इसकी सूचना मिलते ही पुलिस और आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों को समझने की कोशिश कर रहे हैं।

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