VIDEO – श्रीराम मंदिर ट्रस्ट विवाद ,भाजपा खुद कटघरे में : MLA छाबड़ा ने किया पलटवार, कहा – BJP शासन काल में ट्रस्ट का पैसा उनके ही वर्तमान पार्षद ने डकारा….
बेमेतरा। छत्तीसगढ़ में कुछ माह बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में आरोप प्रत्यारोप का दौर एक स्वाभाविक राजनितिक कार्य हैं। भाजपा और कतिपय संगठनों द्वारा स्थानीय विधायक पर मंदिर ट्रस्ट की ज़मीन हस्तांतरण का आरोप अब बूमरेंग साबित होता दिख रहा हैं। आरोप लगाने वालों को जहाँ विधायक ने कानूनी नोटिस थमा दी हैं वहीँ दूसरी तरफ अब उन लोगों का कच्चा चिटठा भी सामने आने लगा हैं। जो प्रत्यक्ष रूप से इस ट्रस्ट की ज़मीन को रेघ के नाम पर लेकर आर्थिक रूप से चूना लगा रहे थे। स्वयं विधायक आशीष छाबड़ा ने सप्रमाण यह खुलासा करते हुए उलटे आरोप लगाने वालों को ही कटघरे में खड़ा कर दिया हैं। उन्होंने खुद प्रशासन से मांग की हैं कि इस मामले के साथ साथ ज़मीन सम्बन्धी कुछ अन्य मामलों की उच्च स्तरीय जांच कर यदि कोई दोषी हैं तो उस पर कठोर कार्यवाई की जाए।
विधायक आशीष छाबड़ा ने बताया कि सूचना के अधिकार के अंतर्गत प्राप्त जानकारी के अनुसार श्री राम मंदिर ट्रस्ट बेमेतरा द्वारा वर्ष 2014-15 के कृषि कार्य हेतु नीलामी में दी गई जमीन पर अनियमितता की गई है। यहां पर वर्ष 2014 के कृषि कार्य हेतु ग्राम सिंघोरी पटवारी हल्का नंबर 28 के अंतर्गत तीन अन्य जमीन की नीलामी की गई। जिसमें रकबा 5.40 धनहा जिसकी सरकारी बोली 9500 निर्धारित थी, जिसको 15700 में 1 वर्ष के लिए वर्तमान मे वार्ड 16 से पार्षद प्रवीण नीलू राजपूत को प्रदान किया गया। इसी तरह राम मंदिर ट्रस्ट का एक अन्य 5 एकड़ भर्री जमीन जिसकी सरकारी बोली 47000 रुपये थी, को इस व्यक्ति को 75500 में दिया गया तथा रकबा 1.81 एकड़ भर्री जमीन जिसकी सरकारी बोली ₹9000 थी। उसे एकमात्र बोलीदार प्रवीण नीलू राजपूत को 9100 में 1 वर्ष के लिए प्रदान किया गया। कुल मिलाकर कुल 5.40 एकड़ धनहा तथा 6.81 एकड़ भर्री जमीन को कुल 1 लाख 300 रुपए में 1 वर्ष के लिए उक्त व्यक्ति को प्रदान किया गया। उक्त जमीन पर इनके द्वारा कृषि कार्य कर अनाज का उत्पादन किया गया, लेकिन नीलामी की राशि लगभग 98300 का भुगतान आज पर्यंत इनके द्वारा नहीं किया गया है। इस तरह से उक्त पार्षद ने राम मंदिर ट्रस्ट को प्राप्त होने वाले राशि को जमा ना कर मंदिर समिति को आर्थिक नुकसान पहुंचाया है। यह ऐसे लोग हैं जो दूसरों पर तथ्यहीन झूठा आरोप लगाते हैं। भगवान राम के नाम से राजनीति करते हैं पर स्वयं भगवान राम के नाम की जमीन का पैसा हड़पने से बाज नहीं आते। भगवान राम मंदिर ट्रस्ट की जमीन का उपयोग कर धन अर्जन करने के पश्चात निर्धारित राशि का भुगतान को ना कर, क्या यह भगवान राम तथा सनातन धर्मियों के आस्था के साथ खिलवाड़ नहीं कर रहे हैं? जो भाजपा के लोग इनके द्वारा लगाए गए आधारहीन आरोप मे साथ खड़े दिख रहे थे, क्या अब वे जिम्मेदार लोग ऐसे व्यक्ति को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने की हिम्मत कर पाएंगे? जिस समय की यह घटना है उस समय प्रदेश में भाजपा की सरकार थी, आखिर इनको किसका संरक्षण संरक्षण प्राप्त था ?
विधायक ने अपने ऊपर लगे आरोप के बारे में एक बार फिर से कहा कि उनका व उनके परिवार का मंदिर ट्रस्ट के किसी भी ज़मीन के हस्तांतरण में कोई हाथ नहीं हैं। न ही कोई लेना देना हैं। फिर भी अगर किसी को लगता हैं कि मेरे हस्तक्षेप से उक्त कार्य किया गया हैं तो उसकी किसी भी एजेंसी से जांच करा ली जाए मेरा पूरा सहयोग ट्रस्ट को रहेगा। यदि क्रेता या विक्रेता में से किसी पर भी दोष सिद्ध होता हैं तो उसे कठोर दंड दिलाने में भी मैं आगे रहूँगा।
विधायक छाबड़ा ने इसके अलावा भाजपा संरक्षित कतिपय लोगों पर अवैध प्लाटिंग कराने का भी आरोप लगाया हैं। उन्होंने कहा की जल्द ही कांग्रेस पार्टी जिला प्रशासन से इस पूरे प्रकरण की जांच कर कार्यवाही की मांग करेगी। पत्रकारों से बातचीत के दौरान नगर पालिका अध्यक्ष शकुंतला मागत साहू और शहर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सुमन गोस्वामी सहित, पार्षद और बड़ी संख्या में कांग्रेस पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद थे।