November 24, 2024

किसान क्रेडिट कार्ड पर सरकार का बड़ा फैसला, लोन पर 31 मई तक लगेगा सिर्फ इतना ब्याज

नई दिल्ली।  कोरोना वायरस लॉकडाउन में मोदी सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए बड़ा फैसला लिया है।  किसान क्रेडिट कार्ड  पर बैंकों से लिए गए सभी अल्पकालिक फसली कर्जों के भुगतान की तारीख दो माह तक बढ़ा दी है।  इसकी अंतिम तारीख 31 मार्च से बढ़ाकर 31 मई कर दी गई है।  मतलब ये है कि अब किसान 31 मई तक अपने फसल ऋण को बिना किसी बढ़े ब्याज के केवल 4 प्रतिशत प्रति वर्ष के पुराने रेट पर ही भुगतान कर सकते हैं।  इससे करीब 7 करोड़ किसान क्रेडिट कार्ड धारक परिवारों को राहत मिलेगी।

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार जताया है. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन में लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया गया है. ऐसे में कई किसान अपने बकाया कर्ज के भुगतान के लिए बैंक शाखाओं तक जाने में सक्षम नहीं हैं. इसके अलावा, आवाजाही पर प्रतिबंध के चलते कृषि उत्पादों की समय पर बिक्री  और उनका भुगतान लेने में कठिनाई हो रही है. इसलिए इन्हें छूट प्रदान की गई है. इससे फसलों की कटाई में भी बाधा नहीं आएगी।
खेती-किसानी के लिए केसीसी पर लिए गए तीन लाख रुपये तक के लोन की ब्याजदर वैसे तो 9 फीसदी है. लेकिन सरकार इसमें 2 परसेंट की सब्सिडी देती है. इस तरह यह 7 फीसदी पड़ता है. लेकिन समय पर लौटा देने पर 3 फीसदी और छूट मिल जाती है. इस तरह इसकी दर ईमानदार किसानों के लिए मात्र 4 फीसदी रह जाती है।

अगर किसान 31 मार्च या फिर समय पर इस कर्ज का बैंक को भुगतान नहीं करते हैं तो उन्हें 7 फीसदी ब्याज देना होता है. कोविड-19 संकट को देखते हुए सरकार ने इसी बढ़े ब्याज पर राहत देकर 31 मई तक उनसे सिर्फ 4 फीसदी रेट पर ही पैसा वापस लेने का फैसला लिया है।

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