छत्तीसगढ़ विधानसभा में सीएम भूपेश बघेल मंगलवार को पेश करेंगे बजट
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2020-2 1 का बजट मंगलवार को बतौर वित्त मंत्री सीएम भूपेश बघेल सदन में पेश करेंगे। कर्ज की वजह से बढ़ते आर्थिक बोझ के बीच गरीबी, कुपोषण और आदिवासी क्षेत्रों को विकास की दौड़ में शामिल करना सरकार के लिए बड़ी चुनौती है। राज्य में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वालों की संख्या लगभग 40 फीसद है।
वहीं, 37 फीसद से अधिक बच्चे कुपोषित और 41 फीसद से अधिक महिलाएं एनिमियां पीड़ित हैं। हालांकि सरकार ने इसके लिए योजनाएं शुरू की हैं। बजट का बड़ा हिस्सा सरकार को इन सेक्टरों को देना पड़ेगा।
सिंचाई विकास के साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था : ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में जुटी सरकार के लिए राज्य में सिंचाई सुविधा का विकास करना बेहद जरूरी होगा। इस बजट में सरकार सिंचाई की बड़ी परियोजनाओं की घोषणा कर सकती है। सूत्र बताते रहे हैं कि सरकार अगले पांच वर्ष में राज्य का सिंचिंत रकबा पांच से दस फीसद तक बढ़ाने की कोशिश कर सकती है।
पूंजीगत व्यय घट रहा, बढ़ रहा राजस्व व्यय : सूबे में पूंजीगत व्यय की तुलना में राजस्व व्यय में वृद्धि हुई है। अस्पताल, भवन, पुल आदि का निर्माण पूंजीगत व्यय की श्रेणी में आता है। वहीं, राजस्व व्यय वेतन, कर्ज भुगतान आदि पर किया जाने वाला खर्च राजस्व व्यय होता है। इसका अंदाजा पिछले सप्ताह चालू वित्तीय वर्ष के लिए पेश किए गए तीसरे अनुपूरक बजट से लाया जा सकता है। 1625 करोड़ स्र्पये के इस बजट में 1346 करोड़ राजस्व और 138 करोड़ स्र्पये पूंजीगत व्यय शामिल था।
कर्ज के बावजूद अर्थव्यवस्था स्वस्थ : राज्य पर कुल ऋण देयता जीएसडीपी का 21.68 प्रतिशत और ब्याज भुगतान राजस्व प्राप्तियों का 5.9 प्रतिशत है, जो सभी राज्यों से न्यूनतम है। इसी प्रकार कुल बजट में से कमिटेड व्यय मात्र 19.3 प्रतिशत है, जो की सभी राज्यों से न्यूनतम है।