November 22, 2024

जिस SBI ने यस बैंक को बढ़ाया मदद का हाथ, उसी पर है सबसे अधिक डूबे कर्ज का बोझ

नई दिल्ली।  आर्थिक संकट से घिरे यस बैंक की मदद के लिए जिस स्‍टेट बैंक ऑफ इंडिया ने उसे उबारने के लिए हाथ बढ़ाया है उसका सबसे ज्यादा कर्ज मार्केट में डूबा हुआ है।  सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों  में किसी का भी एनपीए  SBI से कम ही है।  पिछले पांच साल में ही इसका डूबने वाला पैसा करीब तीन गुना बढ़ चुका है. 2014-15 में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का डूबा कर्ज 56,738 करोड़ रुपये था वो अब बढ़कर 1,59,661 करोड़ रुपये हो चुका है।

स्‍टेट बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार  ने शनिवार 7 मार्च को प्रेस कांफ्रेंस करके कहा था कि यस बैंक को संकट से निकालने के लिए 20 हजार करोड़ रुपये की जरूरत है. उनका बैंक फिलहाल इसमें 2450 करोड़ रुपये निवेश करेगा.

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में 6 बैंकों का विलय हुआ है. केंद्रीय वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक साल 2016-17 में स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद का कुल डूबा कर्ज 18,212 करोड़ रुपये का था।  जबकि SBI में विलय होने वाले स्टेट बैंक ऑफ पटियाला का 17,847 करोड़ रुपये कर्ज डूबा था।  स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर का 10,677 करोड़, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर का 9,915 करोड़ रुपये और स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर का 8,817 करोड़ रुपये का एपीए था. विलय के वक्त भारतीय महिला बैंक में 55 करोड़ रुपये का एनपीए था।

सरकारी क्षेत्र के दूसरे बड़े पंजाब नेशनल बैंक (PNB) का भी डूबा कर्ज तीन गुना बढ़ गया है।  पांच साल पहले 2014-15 में इसका एनपीए 25695 करोड़ रुपये था जो एक साल में ही डबल होकर 55 हजार करोड़ से अधिक हो गया था।  2019-20 में इसका डूबा कर्ज 76,809 करोड़ रुपये हो गया है।

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