11 आरा मिल सील : वनविभाग की कार्यवाई , दो ट्रैक्टर समेत कीमती लकड़ियां जब्त
राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में वन विभाग की टीम ने 11 आरा मिलों में दबिश देकर सील बंद करने की कार्रवाई की है। वहीं मिलों से कीमती लकड़ियों को भी जब्त की हैं। इसके अलावा छुरिया ब्लाक के ग्राम भोलापुर और डोंगरगांव से लगे ग्राम अर्जुनी में वन अमले ने दो ट्रैक्टर ट्राली में नीम की लकड़ियां भी बरामद की है। जिसे बिना किसी सक्षम अधिकारी के परिवहन अनुज्ञा पत्र नहीं होने के बाद भी अवैध तरीके से लाया जा रहा था। वन अमले ने दोनों ट्रैक्टर के मालिक छुरिया भोलापुर के सुरेंद्र चतुर्वेदी और डोंगरगांव अर्जुनी के संजय के खिलाफ भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 52 के प्रावधानों के तहत राजसात की कार्रवाई की गई है।
वन मंडाधिकारी बीपी सिंह ने बताया कि अवैध तरह से लकड़ियों के परिवहन और मिलों के संचालन को लेकर पिछले एक-डेढ़ माह से लगातार जांच कर कार्रवाई कर रही थी। इसमें कातुलबोड़ भाठागांव के कुशल इंडस्ट्रीज, राजनांदगांव में हरसहाय बालाराम खंडेलवाल सॉ मिल, महरूम खुर्द के एवर ग्रीन इंडस्ट्रीज, गैंदाटोला के इस्माईल सॉ मिल, राजनांदगांव में जय काली ट्रेडिंग कंपनी, गट्टानी ट्रेडिंग कंपनी, डोंगरगांव कटकवार सॉ मिल, गैंदाटोला में दुबे आरा मिल, बिहरीकला में गुरूनानक सॉ मिल, डोंगरगांव में ही सिंध सॉ मिल और ग्राम आसरा के किसान ईश्वर लाल व राजनांदगांव के कृष्णा टिम्बर मार्ट में वन अमले ने ताला जड़कर सील किया है। यहां कार्रवाई के दौरान पीलिंग मशीन, आरा मशीन, मिनी बैंड सॉ, काष्ठ, कहुंआ व करंज जप्त किया गया है।
वन मंडलाधिकारी ने कहा कि जिले में कार्रवाई लगातार जारी रहेगी। लकड़ियों के अवैध परिवहन और आरा मिलों में बिना अनुमति संचालन जैसे मामले की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि लकड़ियों के परिवहन के लिए अभिवहन पत्र जारी किया जा रहा है। संचालक अभिवहन पत्र बनवा लें। ताकि जांच चाकियों में किसी तरह की जब्ती या कार्रवाई ना हो।
वनमंडलाधिकारी सिंह ने कहा कि जिले में संचालित मिलों में लकड़ियां व लकड़ी के चिरान भंडारण करने के लिए भी अनुमति जरूरी है। लेकिन जिले में कई मिल संचालक भंडारण की अनुमति के बिना ही मिलों में चिरान लकड़ियां डंप रखते हैं। ऐसे मिलों की जांच की जा रही है।