November 13, 2024

CG : 9 साल में 4 करोड़ पार्किंग चार्ज, रायपुर से नहीं होगी बांग्लादेशी विमान की वापसी, फिर इसका क्या होगा?

रायपुर। छत्तीसगढ़ के रायपुर एयरपोर्ट पर बीते नौ साल खड़े बांग्लादेशी विमान की अब वापसी संभव नहीं है. इस विमान की मालिक बांग्लादेश की एयरलाइंस कंपनी यूनाइटेड एयरवेज कंपनी ही बंद हो चुकी है. चूंकि लंबे समय से खड़े इस विमान के पार्ट पुर्जे जाम हो चुके हैं, ऐसे में बहुत कम ही उम्मीद है कि यह विमान दोबारा कभी उड़ान भर सकेगा. ऐसे हालात में बड़ा सवाल है कि इस विमान का होगा क्या? चूंकि इन नौ साल में हैंगर में विमान को खड़ा कराने का किराया 4 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है. ऐसे में एक सवाल यह कि इस किराए का भुगतान कौन करेगा.

फिलहाल रायपुर एयरपोर्ट अथारिटी ने इन्हीं सवालों से संबंधित फाइल दिल्ली भेज दी है. रायपुर एयरपोर्ट अथारिटी के अधिकारियों के मुताबिक यह विमान यूनाइटेड एयरवेज कंपनी का है. यह कंपनी बांग्लादेश के कैप्टन तस्बीरुल अहमद चौधरी ने बनाई थी. साल 2015 में यह विमान 173 यात्रियों को लेकर ढाका से मस्कट के लिए उड़ान भरी थी. इस दौरान छत्तीसगढ़ के बेमेतरा के ऊपर करीब 32000 फीट की ऊंचाई पर उड़ते समय इंजन में कोई दिक्कत आ गई थी और यह विमान नीचे गिर पड़ा था.

नौ साल से एयरपोर्ट पर खड़ा है विमान
उसी समय से यह विमान मरम्मत के लिए रायपुर एयरपोर्ट पर खड़ा है. अधिकारियों के मुताबिक शुरुआत में तो बांग्लादेश के अधिकारियों ने इस विमान की खबर भी ली, लेकिन उसके बाद इस विमान की खोज खबर तो दूर, इस संबंध में भेजे गए ईमेल का जवाब देना भी छोड़ दिया. एयरपोर्ट अथारिटी के अधिकारियों के मुताबिक अब तक बांग्लादेश की सरकार और बांग्लादेशी कंपनी को 90 ईमेल किए गए हैं. इन्हें बताया जा चुका है कि एयरपोर्ट पर पार्किंग का किराया बढ़ते हुए 4 करोड़ से अधिक हो चुका है.

एयरपोर्ट अथारिटी के गले की फांस बना विमान
बावजूद इसके, ना तो कंपनी ने कोई पहल की और ना ही वहां की सरकार ने. ऐसे हालात में यह विमान रायपुर एयरपोर्ट अथारिटी की गले का फांस बन गया है. अथारिटी के अधिकारियों के मुताबिक वैसे तो इस विमान की कीमत कम से कम 48 मिलियन डॉलर है, लेकिन यह विमान 9 साल खड़ा है. ऐसे में इसके इंजन से लेकर पहिए तक खराब हो चुके हैं. ऐसे में इस विमान के दोबारा से उड़ान भर पाने की भी संभावना ना के बराबर है.

दिल्ली भेजी फाइल
ऐसे हालात में पार्किंग का किराया वसूली के लिए एयरपोर्ट अथारिटी इसे नीलाम करने का विचार कर रही है, लेकिन इसकी उपयोगिता ना के बराबर होने की वजह से किसी कंपनी को इसे खरीदने के लिए आगे आने की संभावना भी कम दिख रही है. ऐसे हालात में इस मामले के निस्तारण के लिए रायपुर एयरपोर्ट अथारिटी ने रिपोर्ट दिल्ली भेजी है. अब इस संबंध में आगे का फैसला केंद्रीय विमानन विभाग ही करेगा

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