छत्तीसगढ़ का अनोखा मंदिर, जहां माता के दर्शन के लिए रोज आता है भालू का परिवार
एमसीबी। छत्तीसगढ़ के मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के विकासखंड भरतपुर के भगवानपुर गांव में मां चांग देवी के मंदिर में भालू रोज सुबह और शाम प्रसाद खाने के लिए पहुंच रहा है. भालू प्रसाद खाने के लिए एक घंटे तक मंदिर परिसर में घूमता रहता है. इसके बाद वो वापस जंगल की ओर निकल जाता है.
खास बात ये है कि भालू को देखने के लिए मां चांग देवी मंदिर में स्थानीय लोगों की भीड़ जमा हो जाती है, लेकिन अभी तक भालू ने किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है. वैसे तो भालू का नाम जेहन में आते ही लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं, लेकिन मंदिर में भालू सभी के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. रोज सुबह शाम भालू मंदिर में प्रसाद खाने के लिए पहुंचता है तो उसे देखने के लिए लोग उसके काफी करीब पहुंच जाते हैं. भालू मजे से प्रसाद खाता है, उसके बाद मंदिर परिसर में विचरण कर वापस जंगल की ओर निकल जाता है.
मां चांग देवी का मंदिर एमसीबी जिले से 110 किलोमीटर की दूरी पर है. यह मंदिर जंगल के किनारे भगवानपुर गांव में है. यहां देवी माता के दर्शन के लिए सैकड़ों श्रद्धालु आते हैं. लेकिन यहां पहली बार आने वाले श्रद्धालु हैरान रहते हैं जब जंगली जानवर भालू का परिवार मंदिर परिसर में पहुंचा और श्रद्धालुओं और जानवरों के बीच मित्रता देखी जाती है। भालू ने किसी को कोई क्षति नहीं पहुंचाई है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह देवी मां का चमत्कार है. भालू इसी तरह मंदिर में देवी मां के दर्शन के लिए आता है और प्रसाद खाकर वापस चला जाता है. मंदिर परिसर में भालू का आना-जाना लगा रहता है. मंदिर समिति की तरफ से भी भालू के आने जाने के लिए पूरी व्यवस्था की गई है. बालंग राजा की कुलदेवी मां चांग देवी थी. माता के प्रति भक्तों की ऐसी आस्था है कि हर दिन यहां भक्तों का जमावाड़ा लगा रहता है. खासकर नवरात्र के मौके पर यहां भक्तों की भीड़ देखते ही बनती है. इन दिनों भालू का देवी मां के प्रति आस्था देखने के लिए भी भक्तों की भीड़ उमड़ रही है.