November 27, 2024

अंबेडकर अस्पताल ने रचा कीर्तिमान; साल 2023 में किए 295 जटिल सर्जरी ऑपरेशन, मरीजों के चेहरे पर मुस्कान

रायपुर। राजधानी रायपुर स्थित अम्बेडकर अस्पताल के हार्ट, चेस्ट और वैस्कुलर सर्जरी विभाग ने नया कीर्तिमान रचा है। साल 2023 में 295 जटिल ऑपरेशन किए गए, जिसमें 74 ओपन हार्ट सर्जरी के, 80 फेफड़े, छाती से संबंधित और 141 खून की नसों के ऑपरेशन शामिल है। नवंबर 2017 विभाग के प्रारंभ होने का वर्ष से अभी तक लगभग 1250 जटिल ऑपरेशन किए जा चुके हैं। इसमें 197 ओपन हार्ट के, 638 वैस्कुलर (खून की नसों के), 465 छाती और फेफड़ों की सर्जरी शामिल है। छत्तीसगढ़ के शासकीय मेडिकल कॉलेजों में, एकमात्र ऐसा विभाग है जहां पर हृदय, छाती, फेफड़ा और खून की नसों से संबधित जटिल ऑपरेशन किए जाते हैं। इस विभाग में ऐसी जटिल सर्जरी भी हुए हैं, जो पूरे देश में चर्चित रही है।

पंडित जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय से संबंद्ध डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय के कार्डियोथोरेसिक एवं वैस्कुलर सर्जरी (सीटीवीएस) विभाग में विभागाध्यक्ष डॉ. कृष्णकांत साहू ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर पिछले वर्ष 2023 में हुए ऑपरेशन का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले साल 2023 में 295 ऑपरेशन हुए जिसमें कि 74 ओपन हार्ट सर्जरी के ऑपरेशन जिसमें जन्म जात हृदय रोग( एएसडी, वीएसडी, टीओएफ, एब्स्टीन एनामली,) मल्टीपल वाल्व रिप्लेसमेंट एवं रिपेयर, हार्ट अटैक आने के बाद दिल में हुए छेद का ऑपरेशन (पोस्ट एमआई वीएसआर सर्जरी), बेन्टॉल्स एओर्टिक वाल्व एवं एओर्टिक रूट रिप्लेसमेंट सर्जरी इत्यादि शामिल हैं।

80 ऑपरेशन छाती एवं फेफड़ों के जिसमें लोबेक्टॉमी, न्युमोवेक्टॉमी, पूर्ण एवं आधा फेफड़ा निकालने की प्रक्रिया, फेफड़े का कैंसर ट्यूमर, डिकार्टीकशन एवं मेडिस्टाइन ट्यूमर ब्रांकोप्लुरल फिस्टुला क्लोजर सर्जरी इत्यादि। 141 ऑपरेशन खून की नसों की जिसमें फिमॉरो फिमोरी क्रॉस ओवर बायपास, फीमारौ पाप्लीटियल बायपास, दायें कैरोटिड से बायें कैरोटिड एवं सबक्लेवियन आर्टरी बायपास, एओर्टिक डिसेक्शन, एओर्टिक एन्यूरिज्म, वैस्कुलर ट्यूमर, वैस्कुलर ट्रामा, सी लुप पीटीएफई, एवी फिस्टुला। उन्होंने बताया कि इस विभाग ने बहुत ही कम चिकित्सक और नर्सिंग स्टॉफ होते हुए भी यह कीर्तिमान बनाया है। लोगों में इस संस्थान के प्रति विश्वास जीता है। उन्होंने अपने नर्सिंग स्टॉफ के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि कई बार इनको अपने तय समय सीमा से भी ज्यादा घंटे की ड्यूटी करनी पड़ती थी, जो इस विभाग के प्रति उनके लगाव और आत्मीयता को दर्शाता है।

अम्बेडकर अस्पताल अधीक्षक डॉ. एसबीएस नेताम ने डॉ. कृष्णकांत साहू और टीम के की ओर से सीटीवीएस विभाग में किए गए इन सभी सफल सर्जरी के लिए पूरी टीम को बधाई दी है। साथ ही साथ शासकीय संस्थान के प्रति लोगों का विश्वास बनाए रखने के लिए आभार प्रकट किया है। सीटीवीएस विभाग ने अभी तक किए गए असाधारण एवं कीर्तिमान सर्जरी जो कि प्रदेश में पहली बार हुए एवं जिसकी देश एवं विदेश में भी चर्चा रही, जो कि इस प्रकार हैं-
इस विभाग में प्रदेश एवं मध्य भारत का सर्वप्रथम सूचरलेस (टांका रहित) एओर्टिक वाल्व प्रत्यारोपण किया गया।
बेंटाल्स सर्जरी जिसमें एओर्टिक वाल्व के साथ ही साथ एओर्टिक रूट को भी बदला जाता है, का सफल ऑपरेशन। यह बहुत ही क्रिटिकल सर्जरी है। बहुत ही कम सेंटर में किया जाता है।
हार्ट अटैक के बाद दिल में हुए छेद के कारण हार्ट सिर्फ 20 प्रतिशत ही कार्य कर रहा था उसकी सर्जरी जिसको पोस्ट एम आई वी एस आर सर्जरी कहा जाता है, का सफल ऑपरेशन जिसमें मरीज को 59 दिनों तक आईसीयु में रखना पड़ा। सामान्यतः ऐसे 99% मरीज के बचने की संभावना नहीं के बराबर होती है।
लगातार तीन मरीजों में एब्सटिन एनामली नामक बहुत ही दुर्लभ जन्मजात बीमारी का सफल ऑपरेशन करके नया रिकॉर्ड स्थापित किया गया। यह प्रदेश के किसी भी संस्थान में किया गया अब तक का सबसे अधिक इस बीमारी का सफल ऑपरेशन है।
पूर्णतः कैल्सीफाइड (चूने के पत्थर की तरह कठोर)हृदय में माइट्रल वाल्व एवं ट्राइकस्पिड वाल्व के प्रत्यारोपण के साथ-साथ बायपास सर्जरी किया गया था। ऐसे ऑपरेशन विश्व में बहुत ही कम संस्थानों में ही होता है।
हार्ट के अंदर स्थित यूस्टेचियन वाल्व (यह वाल्व राइट एट्रियम के अंदर इन्फीरियर वेनाकेवा और राइट एट्रियम के बीच में होता है), के ट्यूमर की सफल सर्जरी। विश्व में बहुत ही गिने चुने ऐसे ऑपरेशन हुए हैं।
छत्तीसगढ़ में सर्वप्रथम इसी संस्थान में एओर्टा फीमोरल बायपास ऑपरेशन किया गया।
इलियोफीमोरल क्रॉसओवर बायपास भी इसी संस्थान में पहली बार हुआ।
एओर्टिक डायसेक्शन का केस हाइब्रिड तकनीक द्वारा जिसमें दायें कैरोटिड आर्टरी गले की नस को बायें कैरोटिड आर्टरी एवं बायें हाथ की नस यानी लेफ्ट सबक्लेवियन आर्टरी से जोड़ा गया, का छत्तीसगढ़ में इस प्रकार का प्रथम ऑपरेशन इसी संस्थान में।
सुपीरियर मेसेन्ट्रिक आर्टरी सिन्ड्रोम जिसमें आंत की धमनी सिकुड़ जाती है। मरीज को खाना खाते ही पेट में तेज दर्द होता है। उसमें एओर्टा से सुपीरियर मेसेन्ट्रिक आर्टरी में बायपास किया गया, यह भी प्रदेश में प्रथम।
किडनी फेल्योर में सामान्य एवी फिस्टुला न बनने पर विशेष प्रकार के ग्रॉफ्ट लगाकर सी लूप एवी फिस्टुला सर्वप्रथम इसी संस्थान में हुआ है।
लियोमायोसार्कोमा ऑफ इन्फेरियर वेनाकेवा का सफल ऑपरेशन इसी संस्थान में हुआ है। अभी तक देश में ऐसे 13 ऑपरेशन एवं विश्व में 213 ऑपरेशन हुए हैं।
तीन साल की बच्ची में बहुत बड़े आकार का पोस्टीरियर मेडिस्टाइनल ट्यूमर का ऑपरेशन किया गया। तीन साल की उम्र में ऐसा ऑपरेशन बहुत ही दुर्लभ होता है।
दुर्घटना के कारण हुए काइलोथोरेक्स में थोरेसिक डक्ट लाइगेशन की प्रथम सर्जरी इसी संस्थान में हुई है। अभी तक ऐसे 4 ऑपरेशन हो चुके हैं।
पोस्टीरियर मेडिस्टाइनल ट्यूमर की प्रथम सर्जरी इसी संस्थान में हुआ था।
माइस्थेनिया ग्रेविस के मरीज में प्लाज्माफेरेसिस के बाइ थाइमेक्टॉमी की सर्जरी इसी संस्थान में हुआ था। मरीज को 42 दिनों तक वेन्टीलेटर में रखना पड़ा था।
फंक्शनल लोबेक्टमी ऑफ लंग की सर्वप्रथम सर्जरी इसी संस्थान में हुआ था।
दुर्घटना में चोट आने से छाती की पसली टूट जाने पर टाइटेनियम की नई पसली बनाकर कई मरीजों को बचाया जा चुका है।

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