November 17, 2024

Anti Paper Leak Law: देश में एंटी पेपर लीक कानून लागू; 3-5 साल की सजा, एक करोड़ रुपए जुर्माने का प्रावधान

नईदिल्ली। Anti Paper Leak Law: केंद्र सरकार ने शुक्रवार आधी रात को लोक परीक्षा कानून, 2024 की अधिसूचना (नोटिफिकेशन) जारी किया। इस कानून को देश में 21 जून से लागू कर दिया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य देश में पेपर लीक को रोकना है। अब पेपर लीक करने वाले दोषियों को तीन साल की सजा का प्रावधान किया गया है। शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एक दिन पहले ही कहा था कि पेपर लीक जैसी घटनाओं को रोकने के लिए कानून जल्द ही लागू किया जाएगा। इसके अगले ही दिन यह अधिसूचना जारी कर दी गई।

पेपर लीक की घटनों को रोकने के लिए उठाया यह कदम
केंद्र सरकार ने लोक परीक्षा कानून, 2024 को लागू कर दिया है। इस कानून में पेपर लीक के खिलाफ सख्त प्रावधान किए गए हैं। इस कानून के तहत पेपर लीक करने वाले व्यक्तियों को तीन साल तक की जेल की सजा हो सकती है। यह कानून देशभर में आयोजित होने वाली सभी सरकारी और लोक परीक्षाओं पर लागू होगा।

फरवरी में पारित हुआ था यह कानून, अब लागू किया गया
केंद्र सरकार ने नीट और यूजीसी-नेट परीक्षाओं में पेपर लीक और नकल की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाया है। फरवरी में पारित सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 को अधिसूचित कर दिया गया है। मौजूदा समय में NEET पेपर लीक मामला सामने आने के बाद ऐसी गतिविधियों को रोकने के लिए सख्त कानून लाने की मांग काफी जोर-शोर से की जा रही थी।

जानें क्या है इस नए कानून के प्रावधान:

लोक परीक्षा कानून, 2024 के तहत पेपर लीक के दोषी पाए जाने वाले दोषियों पर भारी जुर्माना भी लगाया जा सकता है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस कानून के तहत, पेपर लीक करने या उत्तर पुस्तिकाओं से छेड़छाड़ करने वालों को कम से कम तीन साल की जेल और ₹10 लाख तक का जुर्माना हो सकता है। सजा पांच साल तक भी बढ़ाई जा सकती है।
इस कानून में सर्विस प्रोवाडर को भी दायरे में लाया गया है। कानून के मुताबिक कोई सर्विस प्रोवाइडर जिसे पेपर लीक या नकल के बारे में जानकारी है, लेकिन वह इसकी रिपोर्ट नहीं करता, उस पर 1 करोड़ रुपए तक तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
अगर जांच के दौरान यह साबित हो जाता है कि किसी वरिष्ठ अधिकारी ने अपराध की इजाजत दी या उसमें शामिल था, तो उसे कम से कम तीन साल की जेल और ₹1 करोड़ का जुर्माना हो सकता है। सजा 10 साल तक बढ़ाई जा सकती है।

कानून लाने का क्या है मकसद
इस कानून को लाने का मकसद परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता लाना और पेपर लीक जैसी घटनाओं को रोकना है। बीते कुछ साल में लगातार पेपर लीक की घटनाओं ने छात्रों और अभिभावकों की चिंता बढ़ा दी है। इस कानून के जरिए सरकार इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगाना चाहती है।

कब से होगा कानून का कार्यान्वयन
कार्मिक विभाग ने इस कानून को 21 जून से लागू करने की घोषणा की है। सभी सरकारी विभागों और एजेंसियों को इस कानून के प्रावधानों के बारे में सूचित कर दिया गया है। परीक्षा संचालन करने वाली संस्थाओं को भी इसके तहत जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं।

परीक्षा प्रणाली को भराेसेमंद बनाने की कवायद
सरकार ने पेपर लीक की घटनाओं को रोकने के लिए यह महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस कानून के लागू होने से परीक्षा प्रक्रिया में सुधार की उम्मीद है और छात्रों का विश्वास बहाल होगा। सरकार का मानना है कि यह कानून परीक्षा प्रणाली को अधिक सुरक्षित और भरोसेमंद बनाएगा।

error: Content is protected !!