December 26, 2024

CG : 54 राइस मिलरों ने सरकार को लगाई करोड़ों की चपत, अब ब्लैक लिस्टेड करने के साथ होगी वसूली…

RICE MILL11

दुर्ग। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले मे राइस मिलरों पर अब जिला प्रशासन कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है. 54 राइस मिलर प्रशासन को करोड़ों रुपये की चपत लगाने में लगे हैं. बार-बार नोटिस के बाद भी जिले के 54 राइस मिलरों ने सरकार से धान तो लिया, लेकिन कस्टम मिलिंग की करोड़ों मूल्य के चावल को समय पर जमा नहीं करने से शासन को भारी नुकसान हुआ है. वहीं नोटिस जारी करके विपणन विभाग राज्य शासन के अगले आदेश का इंतजार कर रहा है. आदेश के बाद राइस मिलरों पर ब्लैक लिस्टेड और वसूली करने की कार्रवाई की जाएगी.

बता दें कि, राइस मिलरों की मनमानी को रोकने के लिए दुर्ग जिला विपणन विभाग ने उसका कस्टम मिलिंग का अनुबंध समाप्त करने का निर्णय लिया है. दुर्ग जिला विपणन अधिकारी भौमिक बघेल ने बताया कि, जिले में वर्ष 22-23 में कस्टम मिलिंग के लिए 151 राइस मिलरों का पंजीयन किया गया था. अनुबंध के अनुसार प्राप्त धान के एवज में प्रत्येक राइस मिलरों को 1 क्विंटल अरवा धान के बदले 67 किलो चावल और 1 क्विंटल उसना धान के बदले 68 किलो चावल जमा करना था. लेकिन 54 राइस मिलरो ने आज तक लगभग 19000 टन चावल जमा ही नहीं किया. इससे शासन को 72 करोड़ 84 लाख रुपए नुकसान झेलना पड़ रहा है.

नियमानुसार तय समय सीमा के अन्दर राइस मिलरो को चावल जमा करना अनिवार्य होता है. चावल जमा नहीं करने पर प्रशासन उन पर उचित कार्रवाई करने के साथ उनका पंजीयन नए सत्र के कस्टम मिलिंग के लिए नहीं करता है. उन्होंने कहा कि, राइस मिलर्स ने 70 प्रतिशत या उससे अधिक चावल जमा किया है. केवल उसी के साथ ही कस्टम मिलिंग का अनुबंध किया जाएगा, शेष के साथ अनुबंध समाप्त कर दिया जाएगा. वहीं जिले में वर्ष 23-24 के लिए 1 नवंबर से अभी तक 161785 मैट्रिक टन धान की खरीदी हुई है और 107118 मैट्रिक टन धान के लिए डीओ जारी किया जा चुका है, जिसमें से 70643 मिट्रिक टन धान का उठाव हो चुका है. बाकी 36475 मैट्रिक टन धान अभी भी धान उपार्जन केन्द्रों में खुले आसमान में पड़ा है.

error: Content is protected !!