बदल रहा है बस्तर : नक्सलियों की बर्बरता झेलने वाले परिवार नई तस्वीर की दे रहे गवाही…
रायपुर (जनरपट विशेष)। किसी समय में नक्सलियों के खौफ से जूझने वाला बस्तर आज विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है। अब बस्तर में आतंक की गोलियों की आवाजें नहीं सुरक्षा और सुशासन की शांति है।नक्सलवाद के उन्मूलन के लिए सरकार के मजबूत प्रयासों से बस्तर संवर रहा है, उन क्षेत्रों में जहां कभी कदमों की आहट भी नहीं थी आज वहां जनहितकारी योजनाएं पहुंच रही हैं जिससे बस्तर के लोगों के जीवन में नई उम्मीद जगी है।
बस्तर में ऐसी बहुत सी घटनाएं हैं जो चीख-चीखकर नक्सलियों की बर्बरता की गवाही देती हैं, लेकिन आज वही बस्तर में सुरक्षा और शांति से आए बदलाव को बताती हैं। ऐसे परिवार जिन पर नक्सलियों की बर्बरता बीती आज सरकार के प्रयासों से स्वतंत्र होकर आगे बढ़ रहे हैं।
बिरियापुर के सरपंच परिवार के मुखिया ने बताया कि नक्सलियों ने 25 नवंबर 2018 को मेरे भाई और 29 फरवरी 2020 को मेरे पिताजी की हत्या कर दी। नक्सलियों के डर से 27 नवंबर 2018 से मैंने अपना गांव छोड़ दिया था। अब हम लोग स्वतंत्रता से जी रहे हैं, पुलिस कैंप से हमें सुरक्षा मिली है, नक्सली अब घुसने की हिम्मत तक नहीं करते।
एक पीड़ित परिवार के बेटे ने बताया कि बड़े भैया के पुलिस में होने की वजह से नक्सली उन्हें मारना चाहते थे, उन्हें बुलाने के लिए नक्सलियों ने मेरे पिता को उठा लिया भैया जब नहीं आ पाए तो पिता की हत्या कर दी। अब हम सरकार के अच्छे कामों के कारण आज हम स्वतंत्रता से जी रहे हैं। सरकार ने हमारे क्षेत्र में कैंप लगा दिया है। इसके बाद रोजगार बढ़ा है, मेरी बहन स्कूल जा पा रही है, हम घर बना पाए हैं, अब हमें डर नहीं लगता।
बस्तर के एक गांव के गायता परिवार ने बताया कि उनके घर के मुखिया कुछ गांव के प्रमुख थे, वह गांव और गांव के लोगों की देखभाल करते थे। उन्हें अच्छा आचरण सिखाते थे। उनका विकास करना और उन्हें आगे बढ़ाना चाहते थे। यह बात नक्सलियों को रास नहीं आई और उन्होंने पिता जी को हत्या कर दी। अब हमारे परिवार में नक्सलियों का खौफ नहीं है।
बस्तर के नक्सल प्रभावित एवं अंदरूनी क्षेत्रों में छत्तीसगढ़ सरकार लगातार पुलिस कैंप खोल रही है। कैंप खुलने के बाद इन जगहों पर शिक्षा, चिकित्सा, स्वास्थ्य, सड़क, पानी, रोजगार के अवसर जैसी मूलभूत सुविधाएं अब गांव वालों को मिल रही है, सरकार की कल्याणकारी योजनाएं अब आसानी से उन तक पहुंच रही हैं। इसके परिणाम स्वरूप जो लोग नक्सली विचारधारा से प्रभावित हुए थे वह अब उन्हें छोड़कर वापस लौट रहे हैं।
दूसरी ओर छत्तीसगढ़ सरकार जवानों को आधुनिक हथियारों से लैस करने और तमाम सुरक्षा प्रबंध के लिए मजबूत बना रही है। अब जवान मुठभेड़ में नक्सलियों पर भारी पड़ते हैं हाल ही में हुआ मुठभेड़ इसका ताजा उदाहरण है जब जवानों ने 6 नक्सलियों को मार गिराया।