December 25, 2024

‘राम’ नाम लिखकर रामधुनी के ललित ने बनाई PM मोदी की मां की पेंटिंग

कांकेर।  छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में रामधुनी के रहने वाले ललित दुबे ने राम-राम लिख कर दो सौ से ज्यादा आकृति बना डाला हैं. इस अनूठे कलाकार की पेंटिग्स को जो देखता है, बस देखता ही रह जाता है।  इन्होंने राम नाम लिख कर राम दरबार, राधा-कृष्ण, भगवान शिव की चित्रकला बनाई है। ‘राम’ नाम लिखकर इस शख्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की माँ की भी पेंटिंग बनाई हैं। जिसे वे खुद पीएम को भेंट करना चाहते हैं। 

ललित दुबे बताते हैं कि उनके परिवार ने इस काम के लिए उन्हें प्रेरित किया. अब तक वे 5 करोड़ से अधिक बार राम नाम लिख चुके हैं. ललित दुबे को हिंदू देवी-देवताओं का चित्र बनाना काफी पसंद हैं. उन्होंने भगवान राम, भगवान कृष्ण, भोलेनाथ, हनुमान जी के साथ-साथ वायुमण्डल का चित्र बनाया है। 

साल 2015 में बाला साहब ठाकरे का चित्र भी ललित ने बनाया है।  वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां की पेंटिग बना चुके हैं. वे अपने हाथ से पीएम को उनकी मां की पेंटिंग गिफ्ट करना चाहते हैं. वो अपनी कुछ पेंटिग्स अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर के लिए भी भेंट करना चाहते हैं। 

ललित दुबे भानुप्रतापपुर के पूर्व वन मंडल के डिप्टी मैनेजिंग डॉयरेक्टर हैं. वे बताते हैं कि राम नाम लिख कर चित्रकला बनाने की शुरुआत उन्होंने 26 साल पहले की थी. खास बात ये है कि चित्र बनाने के लिए वे न तो पेंट का उपयोग करते हैं और न ही ब्रश का. ललित सभी पेंटरों से अलग इटली की बनी स्पेशल पेन के जरिए अपनी चित्रकला तैयार करते हैं. दूर से देखने में ये पेंटिंग बेहद सामान्य लगती है. लेकिन इन पेंटिंग्स को गौर से देखने वाले इसकी बारीकियों को देखकर चौंक जाते हैं। 

ललित दुबे अपने साथ हुआ एक रोचक किस्सा भी बताते हैं कि आखिर कैसे ये कला उनके दिमाग में आई।  ललित बताते हैं कि जब वे 1994 में कोयलीबेड़ा क्षेत्र में कार्यरत थे, उस दौरान नक्सलियों और पुलिस के बीच मुठभेड़ में उनकी जान पर बन आई थी. तब उन्होंने भगवान राम का स्मरण किया।  फायरिंग के बीच वे एक कागज पर राम नाम लिखते गए और अपने आप राम नाम से कलाकृति बनने लगी. इसी बीच उनकी पेन की स्याही भी खत्म हो गई थी. फिर उन्होंने पेंटर्स के ब्रश से लिखना शुरू किया था. मुठभेड़ से सुरक्षित लौटने के बाद उन्होंने सोचा कि इस कला के जरिए वे राम नाम की शक्ति दुनिया को बता सकते हैं. बस यहीं से ये सफर शुरू हो गया। 

ललित अब तक 250 से अधिक चित्र बना चुके हैं. इस चित्रकला के लिए उन्हें नेशनल अवॉर्ड भी मिल चुका है. वे कहते हैं कि चित्रकला उनके लिए एक मेडिटेशन की तरह है. उन्होंने बताया कि आगे भी वे इसी तरह राम की भक्ति और स्मरण के साथ पेटिंग बनाते रहेंगे. ललित की इच्छा है कि इस अनूठी कला के लिए उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया जाए।   

error: Content is protected !!
Exit mobile version