छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े हॉस्पिटल की व्यवस्था भगवान भरोसे!, 34 में से 22 वेंटिलेटर हुए खराब…
रायपुर। छत्तीसगढ़ के सबसे बड़ा हॉस्पिटल बिना सुविधाओं के चल रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि जहां पहले से वेंटिलेटर की कमी थी वहां कई और वेंटिलेटर खराब हो गए हैं। हम बात कर रहे प्रदेश के ऐसे बड़े हॉस्पिटल की जहां इलाज हो जाने की उम्मीद लगाए पूरे राज्य के मरीज पहुंचते है। हम बात कर रहे हैं प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल डॉ भीमराव अंबेडकर हॉस्पिटल की।
छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा अस्पताल डॉ भीमराव अंबेडकर हॉस्पिटल के हालात कुछ ठीक नहीं है। यहां गंभीर स्थिति में इलाज कराने पहुंचने वाले मरीज भी परेशान होते नजर आ रहे हैं। इसका कारण वेंटिलेटर की कमी है। इमरजेंसी यूनिट सहित कई और विभागों में कुल मिलाकर 34 वेंटीलेटर मौजूद है। हालांकि इसमें से सिर्फ 12 वेंटिलेटर ही काम कर रहे हैं यानी 34 में से 22 वेंटिलेटर को खुद इलाज की जरूरत है। प्रदेश के कोने-कोने से पहुंच रहे लोग जिन्हें इलाज की जरूरत है वह भगवान और इन 12 वेंटीलेटर के भरोसे ही इलाज करवा रहे हैं।
12 वेटिंलेटर से पूरे प्रदेश के मरीजों का हो रहा इलाज
प्रदेश के इस सबसे बड़े अस्पताल में करीबन 1300 बेड है। जिसमें से आईसीयू बेड की संख्या 200 के करीब है। वेंटिलेटर की सबसे ज्यादा जरूरत इमरजेंसी यूनिट के साथ-साथ क्रिटिकल केयर यूनिट में होती है। ज्यादातर विभागों में गंभीर मरीजों के लिए भी वेंटिलेटर की आवश्यकता पड़ ही जाती है। इन सब के उलट इंडियन मेडिकल एसोसिएशन रायपुर में अध्यक्ष डॉ राकेश गुप्ता भी इस बात से सहमत रहे हैं कि प्रदेश के ज्यादातर अस्पताल में वेंटिलेटर की समस्या बनी ही रहती है।
हॉस्पिटल मैनेजमेंट दे रहा सफाई
अब खुद सोचिए कि जिस उम्मीद के साथ प्रदेश के कोने- कोने से हजारों मरीज अपने इलाज की उम्मीद लेकर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर अस्पताल पहुंचने होंगे और वहां उन्हें वेंटिलेटर की जरूरत पड़ने पर एक दूसरे का मुंह देखना पड़े तो कितना दुख होगा। लाचार मरीज उनके परिजन इस स्थिति से बिलकुल बेखबर है। इधर हॉस्पिटल के जिम्मेदार सिर्फ इतना कहते हैं कि वेंटिलेटर को लगातार ठीक किया जा रहा है। कुछ वेंटिलेटर में छोटी मोटी समस्या हैं उन्हें भी जल्द ठीक कर लिया जाएगा। मरीजों को वेंटिलेटर की कमी के कारण किसी भी तरह की समस्या नहीं झेलनी पड़ रही है।