CG : ईडी की बड़ी कार्रवाई, निलंबित IAS रानू साहू समेत DMF घोटाले के 10 आरोपियों की संपत्ती कुर्क
रायपुर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के रायपुर क्षेत्रीय कार्यालय ने 23.79 करोड़ रुपये की अचल और चल संपत्तियों को अनंतिम कुर्की आदेश के तहत कुर्क किया है। यह संपत्तियां जिला खनिज निधि (डीएमएफ) घोटाले में आरोपी निलंबित आईएएस रानू साहू, माया वारियर, राधेश्याम मिर्झा, भुवनेश्वर सिंह राज, वीरेंद्र कुमार राठौर, भरोसा राम ठाकुर, संजय शेंडे, मनोज कुमार द्विवेदी, हृषभ सोनी और राकेश कुमार शुक्ला की हैं। इस कार्रवाई में संपत्तियां भूमि, आवासीय संपत्तियां, सावधि जमा और बैंक शेष शामिल हैं। यह जांच धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत की गई है।
ईडी ने एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की
ईडी ने इस मामले में छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा आईपीसी की विभिन्न धाराओं में दर्ज तीन एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की। आरोप है कि राज्य सरकार के अधिकारियों ने ठेकेदारों के साथ मिलकर डीएमएफ से पैसे हड़पने की साजिश रची थी। ठेकेदारों ने सरकारी अधिकारियों को अनुबंध मूल्य का 15% से 42% तक कमीशन या अवैध रिश्वत दी थी, ताकि वे धोखाधड़ी से ठेके हासिल कर सकें।
ठेकेदारों को नकद राशि होती थी प्राप्त
ईडी की जांच में डीएमएफ घोटाले की कार्यप्रणाली सामने आई है। ठेकेदारों के बैंक खातों में जमा पैसे का एक बड़ा हिस्सा सीधे नकद में निकाल लिया गया था या आवास प्रवेश प्रदाताओं को हस्तांतरित किया गया था।
इसके बदले ठेकेदारों को नकद राशि प्राप्त होती थी। इन लेन-देन को विक्रेताओं द्वारा बिना वास्तविक खरीद के माल की खरीद के रूप में दिखाया जाता था। इस नकदी का उपयोग सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने और विक्रेताओं के बिलों को मंजूरी देने के लिए किया जाता था, और कुछ नकदी विक्रेताओं ने अपनी निजी लाभ के लिए भी इस्तेमाल की।
अब तक 90.35 करोड़ रुपये की कुल आय की पहचान
इस मामले में अब तक 90.35 करोड़ रुपये की कुल आय (पीओसी) की पहचान की गई है। 9 दिसंबर तक 23.79 करोड़ रुपये की अचल और चल संपत्तियों को अनंतिम रूप से कुर्क/जब्त/फ्रीज किया गया है।