November 24, 2024

CG : एक्शन में ईडी; लक्ष्मी कॉटसिन की 31 करोड़ से अधिक कीमत की कृषि भूमि कुर्क

रायपुर। बहुचर्चित बैंक धोखाधड़ी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) लखनऊ क्षेत्रीय कार्यालय ने लक्ष्मी कॉटसिन कंपनी की छत्तीसगढ़ के भाटापारा- बलौदाबाजार जिले में करोड़ों की अचल संपत्ति का पता लगाया है। कंपनी ने यहां अपने कर्मचारियों सहित अन्य भोले-भाले लोगों के नाम पर 73.34 हेक्टेयर कृषि भूमि ले रखी थी, जिसकी बाजार कीमत करीब 31 करोड़ 94 लाख रुपए आंकी गई है। ईडी ने इस जमीन को कुर्क कर लिया है।

207.29 करोड़ की छूट प्रदान की : जांच में यह भी पाया गया था कि औपचारिक छूट नीति का अभाव होने के बावजूद कंपनी के संबंधित पक्षों को कुल 207.29 करोड़ रुपये की महत्वपूर्ण छूट प्रदान की गई थी। संभावित रूप से अज्ञात पक्षों और विभिन्न उद्योगों के ग्राहकों के साथ-साथ गैर-मौजूद ग्राहकों के लिए भी बिक्री चालान पर सूचीबद्ध पतों पर आपूर्तिकर्ताओं को दिए गए अग्रिमों को बिना किसी समर्थन के बट्टे खाते में डाल दिया गया है। इस तरह लेनदेन में धन के विचलन व गबन को दर्शाने वाले दस्तावेज हैं। लक्ष्मी कॉटसिन को एनसीएलटी और परिसंपत्तियों के निर्देशों के तहत परिसमाप्त किया गया था।

कंपनी का कुछ फंड समूह कंपनी को डायवर्ट : जांच में यह भी पाया गया कि लक्ष्मी कॉटसिन कंपनी ने अपना कुछ फंड अपने अन्य समूह कंपनी लक्ष्मी पावर लिमिटेड में डायवर्ट कर दिया है। इन निधियों को आगे डायवर्ट करने के बाद छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार स्थित आईसीआईसीआई बैंक खाते के माध्यम से अलग-अलग व्यक्तियों से ऋण लिया गया और बाद में इन निधियों का उपयोग किया गया। इधर कर्ज वसूली के लिए आरपी लगभग 265.44 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियां बेच चुकी है।

7377 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी : लक्ष्मी कॉटसिन कंपनी पर 7377 करोड़ रुपए बैंकों से ऋण लेकर धोखाधड़ी करने का आरोप है। आरबीआई द्वारा पहले ही धोखाधड़ी घोषित की जा चुकी है और लक्ष्मी कॉटसिन की सभी परिसंपत्तियों को राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण द्वारा नियुक्त समाधान पेशेवर द्वारा परिसमाप्त कर दिया गया है।

सीबीआई की एफआईआर के आधार पर ईडी कर रही जांच : लक्ष्मी कॉटसिन कंपनी द्वारा की गई बैंक धोखाधड़ी के मामले में सीबीआई ने देश के कई राज्यों में छापेमारी की थी। इस छापेमारी के बाद सीबीआई ने लक्ष्मी कॉटसिन कंपनी के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की है। ईडी ने राजीव खुराना डीजीएम, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, एसएएम शाखा नई दिल्ली से प्राप्त 1 जून 2021 की लिखित शिकायत के आधार पर आईपीसी, 1860 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत एसी-वी, सीबीआई, नई दिल्ली द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की। लक्ष्मी कॉटसिन लिमिटेड का मुख्य पंजीकृत कार्यालय जीटी रोड कानपुर उत्तरप्रदेश में है। कंपनी के अध्यक्ष व सह प्रबंध निदेशक डा. माता प्रसाद अग्रवाल, संयुक्त प्रबंध निदेशक पवन कुमार अग्रवाल, उप प्रबंध निदेशक देवेश नारायण गुप्ता सहित अज्ञात लोक सेवकों और निजी व्यक्तियों पर वर्ष 2010 से 2018 की अवधि के दौरान धोखाधड़ी, विश्वासघात, षड्यंत्र, जालसाजी, खातों में हेराफेरी और सार्वजनिक धन के दुरुपयोग एवं गबन करने का आरोप है।

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