CG : किसानों को मिलेगी डिजिटल पहचान, अब फॉर्मर आईडी से ही मिलेगा योजनाओं का लाभ
रायपुर। छत्तीसगढ़ के किसानों लिए काम की खबर है. अब से प्रदेश भर के किसानों को योजनाओं का लाभ लेने के लिए अलग-अलग सरकारी ऑफिस के चक्कर काटना पड़ता है. लेकिन अब सरकार ने किसानों की इस समस्या का समाधान कर दिया है.
अब से आम नागरिक, पेंशनर की तरह किसानों की भी आईडी तैयार की जाएगी. इस आईडी के जरिए किसानों का पूरा डाटा केंद्र सरकार के पास ऑनलाइन मौजूद रहेगा. इसके लिए कृषि किसान कल्याण मंत्रालय ने योजना बनाई है. इस योजना के अंतर्गत 3 भागों में देशभर के किसानों को फार्मर आईडी प्रदान की जाएगी. जिसकी शुरुआत छत्तीसगढ़ से की जा रही है.
बिना आईडी नहीं मिलेगा लाभ
किसानों को यह फार्मर आईडी पाने के लिए अलग-अलग माध्यम से रजिस्ट्रेशन कराना होगा. इस फार्मर आईडी के जरिए केंद्र और राज्य सरकारों की सभी किसान लाभार्थी योजनाओं का लाभ मिलने में सुविधा होगा. फार्मर आईडी बनने के बाद सभी सरकारी और केंद्र की योजनाओं का लाभ उन्हीं को मिलेगा जिसके पास फार्मर आईडी होगी. इस आईडी को आधार नंबर से लिंक करना होगा.
कैसे मिलेगी फार्मर आईडी ?
इसके लिए छत्तीसगढ़ के 19,170 गांवों का डाटा केंद्र को भेजा गया है. इसके आधार पर दो करोड़ फार्म लैंड आईडी जनरेट कर राज्य को भेज दे दी गई. केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अपर सचिव डॉ. प्रमोद कुमार मेहरदा ने 28 नवंबर को देश के सभी मंत्री-सचिवों को पात्र लिखकर फार्मर आईडी की प्रक्रिया को समझाया. इसके साथ ही किसानों की प्रत्येक कृषि भूमि के लिए पहचान पत्र, यानि फार्म लैंड आईडी तैयार की जाएगी. इसके लिए प्रदेश सरकार केंद्र सरकार को हर फार्म लैंड को जानकारी भेजेंगे.
जिले से लेकर गांव तक में बनेंगी समितियां
सबसे पहले जिला स्तर पर डिजिटल कृषि सेल बनाई जाएगी. इस समित में अध्यक्ष कलेक्टर होंगे साथ ही तीन सदस्य होंगे जिनका काम डेटा इकट्ठा करना और किसानों को इस फार्म आईडी से जोड़ना होगा.
इसके बाद ब्लाक स्तर पर कार्यान्वयन टीम बनाई जाएगी. इस टीम के अध्यक्ष बीडीओ होंगे. इसके अलावा कृषि विस्तार अधिकारी और स्थानीय तकनीकी अमला इसके सदस्य होंगे. जिनका काम मैदानी स्तर और योजन का क्रियान्वयन होगा. ग्राम स्तर पर किसान सलाहकार समूह बनाया जाएगा. जिसमें स्थानीय जनप्रतिनिधि के साथ प्रगतिशील कृषक वर उत्पादक संगठन के सदस्य शामिल होंगे.
फार्मर आईडी के लाभ
अब प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि सहित केंद्र की 6 योजनाओं के लिए अलग-अलग चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा. कृषि ऋण योजना, मुख्यमंत्री किसान सहायता योजना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, कृषि मशीनीकरण योजना जैसी राज्य सरकार की योजनाओं के लिए भी सिर्फ एक फार्मर आईडी कार्ड देना होगा. यह बदलाव किसानों के लिए योजनाओं तक पहुंच को सरल और सुविधाजनक बनाएगा.
मात्र 15 रूपए में बनेगी फार्मर आईडी
फार्मर आईडी किसानों के लिए कई लाभ लेकर आएगी। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि जैसी केंद्र की 6 योजनाओं के लिए अब अलग-अलग आवेदन प्रक्रिया से गुजरने की आवश्यकता नहीं होगी। इसके अलावा, कृषि ऋण योजना, मुख्यमंत्री किसान सहायता योजना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, कृषि मशीनीकरण योजना जैसी राज्य सरकार की योजनाओं के लिए भी केवल एक फार्मर आईडी कार्ड की जरूरत पड़ेगी।
फार्मर आईडी बनाने के लिए किसानों को 15 रुपए की फीस अदा करनी होगी। यह आईडी मोबाइल एप, कॉमन सर्विस सेंटर, पटवारी के माध्यम से राजस्व वेबसाइट या फिर mkisan.gov.in से बनाई जा सकती है। फॉर्म सबमिट करने के बाद, पटवारी द्वारा किसान की जानकारी का सत्यापन किया जाएगा। सत्यापन के बाद, 24 घंटे के भीतर किसान के मोबाइल पर एक मैसेज के माध्यम से फार्मर आईडी मिल जाएगी।