March 14, 2025

CG : आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़ा, स्वास्थ्य विभाग ने दुर्ग, रायपुर समेत बिलासपुर के 15 अस्पतालों का लाइसेंस किया रद्द

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और शहीद वीर नारायण सिंह आयुष्मान स्वास्थ्य योजना के तहत फर्जीवाड़े के मामलों में सख्त कार्रवाई की गई है. रायपुर, दुर्ग समेत बिलासपुर के 15 अस्पतालों के लाइसेंस को रद्द कर दिया गया.

रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर के 15 अस्पतालों का लाइसेंस रद्द

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर जिलों के 28 अस्पतालों का निरीक्षण किया, जिसमें 15 अस्पतालों का पंजीयन एक वर्ष के लिए निरस्त कर दिया गया है. इनमें दुर्ग जिले के 6 अस्पताल शामिल हैं.

आयुष्मान योजना के नाम पर हुआ बड़ा फर्जीवाड़ा

दरअसल स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के निरीक्षण के दौरान अस्पतालों में कई अनियमितताएं पाई गईं, जैसे बिना डॉक्टर के अस्पताल संचालित होना, आयुष्मान योजना के मरीजों से नकद में पैसे लेना, डॉक्टरों की कमी, और पैथोलॉजी रिपोर्ट में स्कैन किए गए हस्ताक्षर का उपयोग. इन गड़बड़ियों के आधार पर संबंधित अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. वहीं

आयुष्मान कार्ड के नोडल अधिकारी आर के खंडेलवाल ने कहा कि आयुष्मान योजना का उद्देश्य प्रदेश के हर नागरिक को सुलभ और निःशुल्क चिकित्सा सेवा प्रदान करना है, और अनियमितता करने वाले अस्पतालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

उन्होंने ने कहा कि स्वास्थ्य योजनाओं की पारदर्शिता को लेकर पूरी तरह गंभीर है और नियमों का उल्लंघन करने वाले अस्पतालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी. इस कार्रवाई के तहत दुर्ग जिले के निम्नलिखित अस्पतालों पर प्रभाव पड़ा है,एसआर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर को पंजीयन एक वर्ष के लिए निरस्त किया गया.

दुर्ग के ये अस्पताल शामिल

वहीं दुर्ग के हाई टेक सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल पंजीयन एक वर्ष के लिए निरस्त किया गया. वहीं पल्स हॉस्पिटल पंजीयन 6 माह के लिए निलंबित किया गया है. श्री शंकराचार्य इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस चेतावनी पत्र जारी किया गया. साथ ही यशोदानंदन चिल्ड्रन हॉस्पिटल चेतावनी पत्र जारी. दुर्ग के आरोग्यम अस्पताल में भी आयुष्मान कार्ड से इलाज पर रोक लगाई गई थी. कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी ने निर्देश दिए थे कि अस्पताल में आयुष्मान कार्ड के तहत इलाज नहीं किया जाएगा. राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में भी इस तरह की अनियमितताओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और स्वास्थ्य योजनाओं की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सख्त निगरानी जारी रहेगी. इस प्रकार की कार्रवाइयों से यह संदेश जाता है कि सरकार स्वास्थ्य सेवाओं में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को सहन नहीं करेगी और दोषी संस्थानों के खिलाफ कठोर कदम उठाएगी.

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