November 13, 2024

CG – गेम चेंजर योजना में ही बड़ा खेला : मृत महिलाओं को ही कर दिया 15 करोड़ का वंदन ! , खाते होल्ड, रिकवरी की तैयारी…बैंकों की भूमिका भी संदिग्ध

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव की गेम चेंजर योजना में ही अब बड़ा खेल हो गया हैं। महतारी को आत्म संबल देने वाली महतारी वंदन योजना में एक बड़ी खामी सामने आई है। थोक में शिकायतें हैं कि मृत महिलाओं के खाते में भी पैसा जा रहा है। करीब 15 हजार से ज्यादा मृत महिलाओं के खातों में योजना के पैसे पिछले कई महीनों से लगातार ट्रांसफर किए जा रहे हैं। यह जानकारी सामने आने के बाद राज्य सरकार ने योजना की मॉनिटरिंग शुरू की है। महिला एवं बाल विकास विभाग से एक आदेश भी इस संबंध में जारी किया गया है। अब सर्वे कर उनका नाम हटाया जाएगा और परिजनों से पैसों की रिकवरी की जाएगी। सबसे बड़ा सवाल आखिर इन मृतक महिलाओं के खातों का संचालन कर कौन रहा था? क्या महिला बाल विकास विभाग और बैंक को सच में इनके मृत्यु की अब तक भनक नहीं लगी थी। मामला संदिग्ध हैं। क्यूंकि ज्यादातर मृतकों का मृत्यु पंजीयन अंतिम संस्कार तक अनिवार्य रूप से हो ही जाता हैं। वर्तमान में मृत्यु पंजीयन ऑन लाइन ही हो रहा हैं। ऐसे में आधार नंबर से अपडेट न हुआ हो ऐसा भी सम्भव नहीं हैं। बगैर मिलीभगत के पैसों का हस्तान्तरण और आहरण सम्भव ही नहीं।

प्रदेश में करीब 70 लाख से ज्यादा महतारी इस योजना के लाभार्थी हैं। सरकार ने इस डेटा को वेरिफाई करने के आदेश जारी किए हैं। आदेश में कहा गया है कि ऐसी महिलाओं का पता लगाया जाए, जिनकी महतारी वंदन योजना में पंजीयन के बाद मृत्यु हो चुकी है। किसी मृत महिला के खाते में योजना की राशि हस्तांतरित की जा रही है तो उस पर रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग का मैदानी अमला डोर-टू-डोर सर्वे कर रहा है और यह पता लगाया जा रहा है कि ऐसी कोई महिला उनके क्षेत्र में तो नहीं है, जिसकी मौत हो चुकी है और राशि खाते में जा रही है। योजना की मंशा जरूरतमंद महिला को व्यक्तिगत लाभ पहुंचाना है, ताकि उसके हाथ में कम से कम प्रतिमाह 1000 रुपए हों।

शिकायत की गई हैं कि योजना का पैसा 15 हजार से भी ज्यादा मृत महिलाओं के खातों में ट्रांसफर किया जा रहा है। पूरा मामला सामने आने के बाद महिला एवं बाल विकास विभाग सतर्क हो गया है। विभाग ने सभी जिलों के कलेक्टर और परियोजना अधिकारियों को पत्र लिखकर जांच और वेरीफिकेशन के निर्देश दिए हैं। जानकारी के अनुसार, राज्य सरकार को हर महीने डेढ़ करोड़ रुपए से भी ज्यादा का चूना लग रहा है। 10 महीने में 15 करोड़ रुपए से ज्यादा मृत महिलाओं के खाते में भेजे जा चुके हैं।

सबसे बड़ा सवाल आखिर इन मृतक महिलाओं के खातों का संचालन कर कौन रहा था? क्या महिला बाल विकास विभाग और बैंक को सच में इनके मृत्यु की अब तक भनक नहीं लगी थी। मामला संदिग्ध हैं। क्यूंकि ज्यादातर मृतकों का मृत्यु पंजीयन अंतिम संस्कार तक अनिवार्य रूप से हो ही जाता हैं। वर्तमान में मृत्यु पंजीयन ऑन लाइन ही हो रहा हैं। ऐसे में आधार नंबर से अपडेट न हुआ हो ऐसा भी सम्भव नहीं हैं। बगैर मिलीभगत के पैसों का हस्तान्तरण और आहरण सम्भव ही नहीं।

जानकारी के बाद ऐसे खाते होल्ड : राजवाड़े
महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने बताया, जानकारी मिली है कि जिनका स्वर्गवास हो चुका है, ऐसी महिलाओं के खाते में भी योजना का पैसा जा रहा है, फिलहाल उन खातों को होल्ड कर दिया गया है। उन्होंने कहा, जिन लोगों ने मृत महिलाओं के नाम से भेजे गए पैसे आहरित किए हैं, उनसे रिकवरी की जाएगी।

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