CG : नीम-हकीम की दुकानदारी बंद; झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई तेज, 45 क्लीनिक सील
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के न्यायधानी में मलेरिया, डायरिया का प्रकोप लगातार जारी है. इसके साथ ही झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई भी तेजी से हो रही है. जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में 45 झोलाछाप डॉक्टरों के क्लीनिक सील किए गए हैं. जिसमें बिल्हा क्षेत्र में 17, कोटा में 12 तखतपुर और बिलासपुर में 8-8 फर्जी डॉक्टरों पर कार्रवाई को गई है. इनमें दो लोग मेडिकल दुकान की आड़ में घर पर ही अस्पताल खोल मरीजों का इलाज कर रहे थे. यहां दो बेड और एलोपैथिक दवा का जखीरा मिला है. वहीं दो मरीज भी इलाज कराते मिले.
दरअसल, इन दिनों जिले में मलेरिया और डायरिया का प्रकोप फैला है और ग्रामीण इलाकों में मरीज बड़ी संख्या में झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज करा रहे हैं. बीते दिनों कोटा क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से मलेरिया पीड़ित मरीज की मौत हो गई थी. जिसके बाद कलेक्टर अवनीश शरण के निर्देश पर जिले के सभी एसडीएम झोलाछाप डॉक्टर के क्लीनिक पर दबी देकर कार्रवाई कर रहे हैं.
इसी कड़ी में कोटा तहसील में बीती रात अवैध क्लीनिकों पर कार्रवाई की गई. जांच के बाद ग्राम पीपरतराई में संचालित बंगाली दवाखाना के संचालक रिपोन मंडल द्वारा एलोपैथी दवाईयां, इंजेक्शन पाए गए. उक्त व्यक्ति पर लगभग 6 माह पूर्व भी ड्रग इंस्पेक्टर द्वारा कार्रवाई की गई थी. इसके साथ ही मस्तूरी क्षेत्र के दो डाक्टरों पर भी प्रशासन का डंडा चला. मेडिकल स्टोर में ही अस्पताल संचालित किया जा रहा था. मस्तूरी और वेद परसदा में कार्रवाई करते हुए 2 डाक्टरों के क्लीनिक सील कर दिए गए हैं. तखतपुर क्षेत्र में एसडीएम द्वारा ग्राम सैदा, खैरी, सकर्रा, बेलमुंडी, सकरी, गनियारी, बेलपान, बीजा में संचालित अवैध क्लीनिक को सील किया गया.
बिलासपुर के चांटीडीह स्थित शिव कुमार धुरी के क्लीनिक का निरीक्षण किया गया. क्लीनिक संचालक शिव कुमार धुरी ने एलोपैथी दवाईयां, इंजेक्शन रखने और इलाज करने संबंधी कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया. इसके कारण क्लीनिक को सील किया गया. सेंदरी में पलाश कुमार राय के क्लिनिक में जांच की गई. चिकित्सा किए जाने संबंधी कोई भी प्रमाणित वैध अनुमति के दस्तावेज नहीं पाए जाने पर क्लिनिक सील किए जाने की कार्रवाई की गई. ग्राम सेमरताल में प्रसंजीत मलिक एवं ग्राम सेमरा में दरसराम साहू और पुष्पा साहू के क्लीनिक की जांच की गई. चिकित्सा किए जाने संबंधी कोई भी प्रमाणित दस्तावेज नहीं पाए जाने पर क्लीनिक सील करने की कार्रवाई की गई. ग्राम देवरीखुर्द में बंगाली क्लीनिक का अवैध रूप से संचालित करने पर क्लीनिक को सील कर दिया गया. इसी तरह सरकंडा इमलीमाठा में अवैध क्लीनिक सील की गई.
बिल्हा क्षेत्र में 17, कोटा क्षेत्र में 12, तखतपुर क्षेत्र में 8 और बिलासपुर शहरी क्षेत्र में 8 झोलाछाप डाक्टरों की क्लीनिक सील की गई. लगातार कार्रवाई के बावजूद अब भी ग्रामीण इलाकों में बड़ी संख्या में झोलाछाप डाक्टरों की क्लीनिक चल ही रही हैं. जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम इन अवैध क्लीनिक को सील तो कर रही है, लेकिन फर्जी डाक्टरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं की जा रही है.