CG : सात दशक में पहली बार सूखी शिवनाथ नदी, बेमेतरा में पखवाड़े भर से मीठा पानी की सप्लाई बंद, बूंद-बूंद पानी को तरस रहे लोग

बेमेतरा। छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में पानी के लिए गंभीर संकट की स्थिति बन गई हैं। जिले से जोकर बहने वाली शिवनाथ नदी लोगों के लिए आम निस्तारी का मुख्य साधन है. इसी नदी से लोग पीने के पानी के साथ-साथ अपने मवेशियों का पालन-पोषण और खेती-किसानी करते हैं. फरवरी में जिस नदी में पानी की धार थी, वहां आज लोग पैदल चल रहे हैं. लोगों के अनुसार, बेमेतरा जिले में जीवनदायनी शिवनाथ नदी 70 सालों में पहली बार सूखी है.

अवैध रेत उत्खनन व निर्माण से सूख गई नदी
शिवनाथ नदी पर गौण खनिज के रूप में प्रचुर मात्रा में रेत मिलता है. यह बहुत ही साफ होता है जिसके चलते रेत माफिया की नजर शिवनाथ नदी के इस बालू पर रहती है. रेत माफियाओं ने अवैध उत्खनन करने व ठेकेदार के द्वारा इंटकवेल टंकी बनाने के लिए एनीकेट के पानी को बहा दिया गया, जिसके चलते आज हालात विकराल हो गए हैं।

बेमेतरा जिला मुख्यालय के लगभग 30000 की आबादी वाले शहर को शिवनाथ नदी (Shivnath river) के अमोरा घाट से शुद्ध मीठा पानी फिल्टर कर प्रदान किया जाता है, लेकिन नदी में पानी खत्म होने के चलते 18 मार्च से शुद्ध मीठा पानी नहीं आ रहा है. इसके अलावा कई गांव में भी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से शुद्ध पानी नहीं पहुंच पा रहा है।
जिले में इंसान तो किसी तरह से पीने के पानी की व्यवस्था कर रहे हैं, लेकिन सबसे ज्यादा मवेशीयों और अन्य पशु पक्षी को पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है. गोवंश पानी की तलाश में नदी के किनारे भटक रहे हैं. वहीं गांव में बने तालाबों और पोखर में भी पानी की न सिर्फ कमी हो गई है बल्कि अब वो गंदे भी हो गए हैं।
जिम्मेदार अधिकारी गोल-मोल दे रहे जवाब
इंटरसीवेल बनाने के नाम पर नदी के एनीकट के गेट खोलकर पानी को क्यों बहाया गया? इस सवाल पर पीएचई विभाग के कार्यपालन अभियंता जीपी ध्रुव ने कहा कि उनके द्वारा एनीकट का गेट नहीं खोला गया है. वहीं ग्रामीणों का कहना है कि नदी के किनारे टंकी बनाने के नाम पर फरवरी में इस नदी के अन्य कट को ठेकेदार के द्वारा खोल दिया गया था। उसके बाद सारा पानी बह गया और यह स्थिति निर्मित हो गई हैं।