CGPSC : चयन सूची में गड़बड़ी को चीफ जस्टिस ने बताया ‘वेरी डिस्टर्बिंग’, याचिकाकर्ता से कहा -अगर रिश्तेदारी नहीं मिली तो आपको अदा करनी पड़ेगी भारी कीमत..
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की चयन सूची में गड़बड़ी को लेकर भाजपा नेता और पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर की ओर से दायर याचिका पर बुधवार को लगातार दूसरे दिन छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस नरेश कुमार सिन्हा की डिवीजन बेंच ने सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता से कहा कि अगर सूची में जिस तरह की रिश्तेदारी नहीं पाई गई तो इसकी आपको भारी कीमत अदा करनी होगी.
बता दें कि भाजपा नेता ननकीराम कंवर की ओर से याचिका में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने अपात्रों को भी चयनित कर लिया है, जिसमें नेताओं, मंत्रियों और अधिकारियों के बेटे-बेटियां और रिश्तेदार शामिल हैं. इन लोगों को डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी और दूसरे पद दे दिए गए हैं. याचिका पर मंगलवार को हुई सुनवाई के बाद बुधवार को सुनवाई जारी रही. संबंधित पक्षों को सुनने के बाद छत्तीसगढ़ के एडवोकेट जनरल की ओर से पक्ष रखे जाने की दरख्वास्त पर मामले की अगली सुनवाई 5 अक्टूबर नियत की गई.
याचिका पर लगातार दूसरे दिन सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने कहा कि यह बहुत डिस्टर्बिंग (परेशान करने वाला) है, और (सूची में) रिश्तेदारी नहीं पाई गई तो आपको इसकी भारी कीमत अदा करनी पड़ेगी. इस पर याचिकाकर्ता के वकील ने सहमति जताई.
सुनवाई शुरू होने के साथ ही याचिकाकर्ता की ओर से मंगलवार को प्रस्तुत 18 लोगों की सूची में से दो की जगह तीन लोगों के 2020 के पीएससी में शामिल होने की जानकारी देते हुए 15 लोगों की संशोधित सूची पेश की गई. इस पर चीफ जस्टिस की फटकार पर याचिकाकर्ता के वकील ने माफी मांगी. इसके साथ ही मामले के अदालत में जारी रहने के बीच अखबारबाजी होने पर आपत्ति जताई. सुनवाई के दौरान सूची में शामिल नितेश की ओर से अधिवक्ता प्रस्तुत हुए और उन्होंने बताया कि नितेश पीएससी चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी के पुत्र नहीं बल्कि राजेश का पुत्र होना बताया.