CG : राज्य में पहली बार दिखा शिकारी पक्षी, जानें कैसे अपना शिकार करता है पूर्वी मार्श हैरियर

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में पहली बार एक खतरनाक शिकारी पक्षी दिखाई दिया है। बताया जाता है कि यह पक्षी हिमालय में रहता है और यह दुर्लभ प्रजाति का होता है। इस पक्षी का नाम पूर्वी मॉर्श हैरियर है। एक्सपर्ट का दावा है कि यह पक्षी एशिया के कुछ ही हिस्सों में पाया जाता है। इस पक्षी को बिलासपुर के सीपत डैम और सरगुजा के तराजू गांव में पहली बार देखा गया है। फिलहाल इस पक्षी के छत्तीसगढ़ में दिखाई देने के बाद रिसर्च टीम जुट गई है।
वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि पूर्वी मार्श हैरियर नामक शिकारी पक्षी है और वह छत्तीसगढ़ में पहली बार दिखाई दिया है। इस पक्षी को पहले कभी नहीं देखा गया था। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस पक्षी के दिखने से यह माना जा सकता है कि छत्तीसगढ़ के जंगलों में दुर्लभ प्रजाति के और कई पक्षी दिखाई दे सकते हैं।
कौन होता है पूर्वी मार्श हैरियर
पूर्वी मार्श हैरियर एक शिकारी पक्षी कहलाता है। यह 48 से 58 सेमी लंबा होता है। यह अपने पंखों को 137 सेमी तक फैला सकता है। मादा पक्षियों ज्यादा खतरनाक होती हैं जबकि नर पक्षी के पंख परिवर्तनशील होते हैं। इस पक्षी के शरीर में हल्के रंग की धारियों होती है। पंख का हिस्सा काला होता है। शिकार करते समय यह अपने पंखों को फैलाकर जमीन से कुछ ऊंचाई पर उड़ते हैं। इन पक्षियों के शिकार में छोटे स्तनधारी, पक्षी और मेंढक होते हैं।
इन पक्षियों के बारे में कहा जाता है कि आमतौर पर इनके प्रजनन का मौसम अप्रैल महीने से शुरू होता है। यह लकड़ियों का घोंसला बनाकर रहते हैं। यह एक साथ चार से सात अंडे देते हैं। 33 से 48 दिनों के अंदर अंडे से बच्चे बाहर आते हैं और युवा होने के बाद उड़ान भरने लगते हैं।
सारस को लेकर चिंताजक स्थिति
वहीं, दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ में सारस पक्षियों की स्थिति चिंताजनक है। राज्य में सारस पक्षी का सिर्फ एक ही जोड़ा बचा है। यह सरगुजा जिले के लखनपुर ब्लॉक में है। यह जोड़ा राज्य में अपनी प्रजाति माना जाता है। बताया जा रहा है कि इनके एक चूजे को जानवरों ने मार दिया, जबकि दूसरा लापता है। ऐसे में ये सिर्फ दो ही बचे हैं।