April 25, 2024

छत्तीसगढ़ के धान का सवाल: CM भूपेश बघेल मंत्रियों के साथ पीयूष गोयल से मिलने पहुंचे, समस्या बरकरार

नई दिल्ली/रायपुर। छत्तीसगढ़ में खरीदे गये 92 लाख मीट्रिक टन धान के निपटारे को लेकर परेशान राज्य सरकार फिर केंद्र सरकार के दरवाजे पर है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज अपने दो मंत्रियों को लेकर केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल से मिलने पहुंच गये। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री के सामने केंद्रीय पूल में 40 लाख मीट्रिक टन चावल जमा करने की अनुमति मांगी। बताया जा रहा है कि केंद्रीय खाद्य मंत्री ने इस मांग पर कोई आश्वासन नहीं दिया। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ के धान का सवाल हल नहीं हो पाया।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल विधानसभा से कृषि मंत्री रविंद्र चौबे और खाद्य मंत्री अमरजीत भगत के साथ विशेष विमान से दिल्ली पहुंचे। शाम को नई दिल्ली के रेल भवन में तीनों नेताओं ने केंद्रीय खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय पूल में 40 लाख मीट्रिक टन चावल जमा कराने की अनुमति मांगी। मुख्यमंत्री ने बताया, प्रदेश में खरीफ वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर 20.53 लाख किसानों से 92 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा गया है। केंद्र सरकार के साथ हुए MOU में इस धान में से राज्य की PDS की आवश्यकता पूरी करने के बाद बचा हुआ चावल भारतीय खाद्य निगम (FCI) को देने का निर्देश है।

मुख्यमंत्री ने कहा, इन प्रावधानों के तहत ही वे केंद्र सरकार से राज्य में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए जरूरी 24 लाख मीट्रिक टन के अतिरिक्त 40 लाख मीट्रिक टन चावल को केंद्रीय पूल में लेने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा, केंद्र सरकार ने पूर्व में 60 लाख मीट्रिक टन चावल लेने को सहमति दी थी। अभी उसने केवल 24 लाख मीट्रिक टन चावल जमा करने की ही अनुमति दी है। मुख्यमंत्री ने जूट के पुराने बारदाने में चावल जमा कराने की भी अनुमति मांगी। मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी और खाद्य विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह भी मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खाद्य सब्सिडी की 5214.97 करोड़ रुपये की प्रतिपूर्ति शीघ्र जारी करने की मांग की। केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने खाद्य सब्सिडी की 4832 करोड़ की राशि जारी करने का आश्वासन दिया। विभिन्न योजनाओं के तहत चावल वितरण करने के बात राज्य सरकार केंद्र सरकार को खाद्य सब्सिडी दावा पेश करती है।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि अगर केंद्र सरकार चावल नहीं लेती है तो समितियों और संग्रहण केंद्रों में रखे धान की नीलामी की जाएगी। इधर छत्तीसगढ़ मार्कफेड के अधिकारियों ने बताया, बचे हुए धान की पहले सप्ताह की नीलामी ऑनलाईन प्लेटफॉर्म पर 3 मार्च से शुरू हो रही है। ई-नीलामी के लिए क्रेता पंजीयन 18 फरवरी से शुरू हो चुकी है। अब तक 30 बिडर्स का पंजीयन किया जा चुका है।

ऑनलाईन प्लेटफॉर्म देने वाले मेसर्स NCDEXE-मार्केट्स लिमिटेड शनिवार को नीलामी का आनलाइन प्रशिक्षण आयोजित कर रहा है। इसकी विस्तृत जानकारी खाद्य विभाग की वेबसाईट www.khadya.cg.nic.in पर, मार्कफेड की वेबसाईट www.cgmarkfed.in पर और मेसर्स NCDEXE-मार्केट्स लिमिटेड की वेबसाईट www.neml.in पर उपलब्ध है।

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