छत्तीसगढ़िया ओलिंपिक : खाने को तरसे खिलाड़ी, हंगामे के बाद मिली पतली दाल-कच्ची रोटियां…
जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में मंगलवार की देर रात छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के करीब 200 खिलाड़ी भूखे रहे। किसी ने बिस्किट खाकर पेट भरा तो कोई पानी पीकर भूख मारता दिखा। दिन भर से भूखे खिलाड़ियों ने प्रशासन की अव्यवस्थाओं के चलते देर रात प्रशासन के खिलाफ जमकर हल्ला बोल किया। हालांकि, खिलाड़ियों के विरोध के बाद आनन-फानन में अफसर मौके पर पहुंचे। फिर खाना बनाकर खिलाया गया।
जगदलपुर के लाल बाग मैदान में आज से छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का संभाग स्तरीय आयोजन शुरू हो गया है। इस आयोजन में शामिल होने कांकेर, कोंडागांव, सुकमा के कोंटा से, नारायणपुर समेत अन्य जगहों से करीब 200 खिलाड़ी जगदलपुर पहुंचे हैं। इन खिलाड़ियों को बस्तर हाई स्कूल में रुकवाया गया है। खिलाड़ियों का आरोप है कि, मंगलवार की सुबह उन्हें जो नाश्ता दिया गया था वह भी स्तरहीन था। रात में खाने के लिए तरसते रहे।
इसी विरोध में शहर के हाता ग्राउंड के सामने सभी खिलाड़ी पहुंच गए थे। वहां सड़क पर बैठ जमकर नारेबाजी की। खिलाड़ियों के विरोध को देखते हुए आनन-फानन में अफसरों और पुलिस की टीम भी पहुंची। जिन्होंने खिलाड़ियों को सड़क पर से उठाया,उन्हें समझाइश दी गई। प्रशासन ने फौरन खिलाड़ियों के लिए खाने का बंदोबस्त किया। करीब 2 से ढाई घंटे तक बवाल चलता रहा। इधर, SDM नंद कुमार चौबे ने बताया कि, खाने को लेकर इनकी शिकायत थी। जिसे दूर कर दिया गया था।
खिलाड़ियों का आरोप है कि रात में बवाल के बाद उन्हें जो खाना परोसा गया वह भी कच्चा था। दाल बहुत पतली थी, चावल कच्चे थे। ऐसे में उनकी हेल्थ के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। खिलाड़ियों ने कहा कि, हम यहां अलग-अलग तरह के खेल खेलने के लिए पहुंचे हैं। ऐसे में हमें पौष्टिक खाना नहीं मिलेगा तो हम मैदान में पूरी एनर्जी के साथ कैसे खेलेंगे?
रात में बवाल होता देख भाजपा के कार्यकर्ता भी मौके पर पहुंच गए। जगदलपुर के पूर्व विधायक संतोष बाफना और भाजपा युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष अविनाश श्रीवास्तव समेत कई कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे। जिन्होंने प्रशासन के इस अव्यवस्थाओं को लेकर जमकर हल्ला बोल किया। संतोष बाफना ने कहा कि यह छत्तीसगढ़ सरकार की अव्यवस्थाओं है, जिसकी चपेट में खिलाड़ी आए हैं।
भाजपा युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष अविनाश श्रीवास्तव ने कहा कि, बस्तर संभागीय खेल प्रतियोगिता में खिलाड़ियों को खाना तक नसीब नहीं हो रहा है। आनन-फानन में देर रात खिलाड़ियों को खाना तो मिला पर वो भी कच्चा। भूखे पेट खिलाड़ियों को सरकार के खिलाफ चक्का जाम करना पड़ा। स्थानीय कांग्रेस के मंत्री-विधायकों को सिर्फ मंच और माला चाहिए। लेकिन, इन खिलाड़ियों के पेट की परवाह नहीं है।