छत्तीसगढ़ का सुझाव देशभर में लागू : सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश, सभी थानों में नियुक्त किए जाएंगे पैरालिगल वालंटियर
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ विधिक सेवा प्राधिकरण के सुझाव पर सुप्रीम कोर्ट ने देश के सभी थानों में पैरालिगल वालंटियर की नियुक्ति करने का आदेश दिया है। वालंटियर बच्चों की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज होने पर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को जानकारी देंगे। प्राधिकरण की निगरानी होने पर पुलिस गंभीरता से जांच करेगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद प्राधिकरण ने छत्तीसगढ़ के सभी 477 थानों में पैरालिगल वालंटियर नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अब तक 20 जिलों में वालंटियर की नियुक्ति हो गई है। राज्य शासन ने वालंटियरों के वेतन व अन्य खर्च के लिए आठ करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं। वालंटियर की नियुक्ति के लिए एंड्रायड मोबाइल व कंप्यूटर की जानकारी होनी जरूरी है। ये आठ घंटे ड्यूटी करेंगे। प्रतिदिन 500 रुपये के हिसाब से हर महीने 15 हजार रुपये मानदेय दिया जाएगा। इनका काम थाने में बच्चों की गुमशुदगी की रिपोर्ट आने के बाद छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को जानकारी पहुंचाना है। थाना या आसपास इनकी उपस्थिति रहेगी। जिन थानों में वालंटियर की नियुक्ति की जाएगी, वहां के थानेदार व स्टाफ को उनका नाम और मोबाइल नंबर की जानकारी दी जाएगी।
वालंटियर थानेदार व स्टाफ से मिलेगा व अपनी उपस्थिति भी दर्ज कराएगा। उसकी जिम्मेदारी होगी कि थाना के स्टाफ के अलावा क्षेत्र के प्रमुख लोगों से संपर्क बनाकर रखे। यह माना जाता है कि गुमशुदगी की शिकायत पुलिस दर्ज तो कर लेती है पर खोजबीन में तत्परता न दिखाने के कारण अपराधी अपने मकसद में कामयाब हो जाते हैं। वालंटियर सीधे प्राधिकरण को इसकी जानकारी देंगे। प्राधिकरण के अधिकारी जब संबंधित प्रकरण में सीधे हस्तक्षेप करेंगे तो पुलिस की सक्रियता बढ़ेगी।
सुप्रीम कोर्ट में एक स्वयंसेवी संस्था ने वर्ष 2022 में बचपन बचाओ रिट याचिका दायर की थी। फरवरी 2022 में मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने देशभर के राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण से प्रस्ताव मांगा था। इस पर दिसंबर 2022 में छत्तीसगढ़ प्राधिकरण ने भी सुझाव दिया। अगली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने प्रस्ताव पर स्वीकृति की मोहर लगाते हुए देशभर के हाई कोर्ट को इस पर अमल करने का निर्देश दिया था। 25 मार्च 2023 से छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने इस पर अमल करना शुरू कर दिया है।
प्राधिकरण के अफसरों ने वाट्सएप ग्रुप भी बनाया है। इसमें संबंधित थाने के थानेदार व वालंटियर को जोड़ा गया है। वाट्सएप ग्रुप के जरिए प्रदेश के सभी थानों से वालंटियर के माध्यम से अपडेट ले रहे हैं। गुम बच्चों की पूरी जानकारी प्राधिकरण के साथ सीधे हाई कोर्ट की नजर में रहेगी।