November 15, 2024

चाइल्ड बजट : इस साल बच्चों के लिए खास ‘तोहफा’ ला सकती है भूपेश सरकार

रायपुर।  छत्तीसगढ़ सरकार के 2021-22 का बजट बेहद खास होने वाला है।  अलग से कृषि बजट पेश कर चुकी स्टेट गर्वमेंट इस बार बच्चों के लिए ‘तोहफा’ लाने की तैयारी में है।  भूपेश सरकार इस बार बच्चों के लिए अलग से बजट पेश कर सकती है।  इसे चाइल्ड बजट का नाम दिया गया है।  छत्तीसगढ़ देश के उन चुनिंदा राज्यों में शुमार हो जाएगा, जो बच्चों के लिए अलग से बजट पेश करते हैं। 

बच्चों के लिए पेश होने वाले इस बजट में 0 से 18 वर्ष की आयु तक के लड़के-लड़कियों को शामिल किया गया है. एक अनुमान के अनुसार राज्य में करीब 80 लाख बच्चे ऐसे हैं जो चाइल्ड बजट के दायरे में आएंगे. वित्त विभाग ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है. इससे पहले राज्य सरकार ने जेंडर बजट, कृषि बजट और महिला बजट अलग से पेश किया था। 

इसकी चर्चा होने के बाद अब दिमाग में यह सवाल उठता है कि आखिर इस बजट में खास क्या होगा ? कहा जा रहा है कि इस बजट में विभिन्न विभागों की तरफ से संचालित योजनाओं को एक साथ व्यवस्थित कर एकीकरण किया जाएगा. छत्तीसगढ़ में करीब आधा दर्जन से ज्यादा ऐसे विभाग हैं, जिनके माध्यम से बच्चों के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं. इनमें स्कूल, शिक्षा, आदिम जाति कल्याण, स्वास्थ्य महिला और बाल विकास विभाग आदि शामिल हैं। 

बजट सत्र के पहले वित्त विभाग ने सभी विभागों 0 से 18 वर्ष तक के बच्चों के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी मांगी है. इसके आधार पर चाइल्ड बजट का आकार तय होगा. अभी स्पष्ट नहीं है कि कुल बजट में चाइल्ड बजट का हिस्सा कितना होगा. जानकारी के मुताबिक अनुसार इस वर्ष राज्य का बजट एक लाख करोड़ के करीब पहुंच सकता है इसमें चाइल्ड बजट का हिस्सा 20 से 30 फीसदी हो सकता है। 

जानकारी के अनुसार महिला बाल विकास, स्कूल शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग में बच्चों के लिए कई योजनाएं चल रही हैं. स्वास्थ्य विभाग करीब 100 करोड़ रुपए बच्चों पर खर्च करता है. इसमें टीकाकरण और गंभीर बीमारियों के इलाज में सहायता शामिल है. महिला बाल विकास 14 से 15 सौ करोड़ रुपए बच्चों पर खर्च करता है. इसी तरह स्कूल शिक्षा विभाग भी हजार करोड़ से अधिक राशि बच्चों के लिए खर्च करता है.

इसी के चलते चाइल्ड बजट को लेकर जब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से सवाल किया तो वे मुस्कुराते हुए बात को टाल गए. उन्होंने कहा कि ‘अभी इंतजार करो यार, मेरे पास फाइनेंस भी है, मैं जो कुछ भी कहूंगा हाउस में कहूंगा.’

कांग्रेस के युवा विधायक आशीष छाबड़ा के मुताबिक़ चाइल्ड बजट में खासकर कुपोषण से निपटने एक व्यापक रणनीति बनेगी. इसके साथ ही बच्चों से संबंधित विभिन्न विभागों में संचालित योजनाओं का एकीकरण कर बेहतर तरीके से काम किया जाएगा. शुक्ला ने कहा कि इस बजट से प्रदेश में बच्चों के विकास को एक नया आयाम मिलेगा और यह आने वाले समय में मील का पत्थर साबित होगा.

चाइल्ड बजट को लेकर वरिष्ठ पत्रकार चंद्रशेखर दीवान का कहना है कि यह नया प्रयोग है. सरकार इसके जरिए बच्चों को आकर्षित करने की कोशिश कर रही है. लेकिन इसमें नया क्या होगा, ये देखने वाली बात होगी. कॉन्सेप्ट अच्छा है, अगर बच्चों के हित के लिए काम होता है तो बहुत अच्छी बात होगी. अभी इस पर ज्यादा बात करना जल्दबाजी होगी.

छत्तीसगढ़ आदिवासी बहुल राज्य है. यहां आदिवासी कुपोषण, अशिक्षा और अच्छे स्वास्थ्य के लिए जूझ रहे हैं. ऐसे में उम्मीद करते हैं कि ये बजट उनके लिए राहत बनकर आए। 

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