CM बघेल ने कहा – चालकी और मांझी चालकों का मानदेय बढ़ेगा, 6 महीने के अंदर वनाधिकार पट्टा देने के निर्देश
जगदलपुर। विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा समाप्ति की ओर है. बस्तर दशहरे की मुरिया दरबार की रस्म पूरी की जा रही है. जिसमें प्रदेश के मुखिया सीएम भूपेश बघेल भी शामिल हुए हैं. यहां सबसे पहले उन्होंने मां दंतेश्वरी के दर्शन और पूजा की. इसके बाद सीएम सिरहासार पहुंचे और मुरिया दरबार में शामिल हुए. यहां पगड़ी पहनाकर उनका स्वागत किया गया. इस दौरान सीएम बघेल ने निर्देश दिया कि सभी मांझी और चालकी के वनाधिकार पट्टे के आवेदन लेकर 6 महीने के अंदर उन्हें पट्टा दे दिया जाए.
सीएम भूपेश ने कहा कि सैंकड़ों साल से इस पर्व का आयोजन होता रहा है. बस्तर दशहरा ना सिर्फ देश में प्रसिद्ध है, बल्कि विदेशों में इस पर्व की विशेष पहचान रही है. बस्तर दशहरा में सभी समाज और वर्ग के लोग शामिल होते हैं. बस्तर दशहरा समिति को शुभकामनाएं देता हूं. सीएम बघेल ने कहा कि ग्रामीणों ने रथ बनाने के लिए पेड़ काटकर लकड़ी दी, लेकिन उन्होंने पौधरोपण का भी संकल्प लिया. उनकी इस सोच को सलाम है और आदिवासी ग्रामीणों को बधाई देता हूं.
मुख्यमंत्री के संबोधन की प्रमुख बातें-
- सभी मांझी और चालकी के वनाधिकार पट्टे के आवेदन लेकर 6 महीने के अंदर उन्हें पट्टा दे दिया जाए.
- चालकियों को अब 1 हजार रुपए मानदेय दिया जाएगा, पहले 650 रुपए मिलता था.
- काछनदेवी और रैलादेवी समिति को वार्षिक 1500 रुपए मानदेय दिया जाएगा.
- काछनगुड़ी का 20 लाख रुपए की लागत से जीर्णोद्धार किया जाएगा.