November 15, 2024

कोरोना : स्कूल-कालेजों में तेजी से बढ़ रहे संक्रमण के मामले; बचाव के लिए मास्क, गाइडलाइन का पालन जरूरी

रायपुर। छत्तीसगढ़ के स्कूल-कालेजों में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ते दिख रहे हैं। सूबे के आधे से ज्यादा जिलों के किसी न किसी स्कूल या कालेज में कोरोना संक्रमित मिले हैं। शासन प्रशासन ने कोरोना गाइडलाइन का कठोरता से पालन कराने के कड़े निर्देश जारी कर रखे हैं। बावजूद इसके कतिपय लोगों की लापरवाही के चलते एक बड़ा समूह खतरों से जूझ रहा हैं।  वैक्सीन के दो डोस लगने के बाद भी जांजगीर कलेक्टर सहित कुछ जिलों के स्वास्थ्य कर्मी भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। लोगों को यह समझना होगा कि मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग सहित सुरक्षा के लिए बनाए गए नियमों का पालन नहीं करेंगे तो कोरोना वैक्सीन लगने के बाद भी संक्रमित हो सकते हैं।

बात करे बिलासपुर जिले की तो वहां  एक और स्कूल में कोरोना ने दस्तक दे दी है। अब तक तीन स्कूल और एक कॉलेज में 11 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिल चुके हैं। सभी को बंद भी कर दिया गया है। घुटकू के शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल की शिक्षिका के पॉजिटिव होने से संपर्क में रहे शिक्षक और छात्र-छात्राओं में हलचल पैदा हो गई। पॉजिटिव शिक्षिका के संपर्क में रहे बच्चे, शिक्षक और परिवारों की भी जांच की गई। ज्यादातर की रिपोर्ट निगेटिव है, कुछ की आनी बाकी है। सरकंडा में रहने वाली 53 वर्षीय शिक्षिका की तबीयत बिगड़ी तो उन्होंने सप्ताहभर पहले ही स्कूल जाना बंद कर दिया। हालत में सुधार नहीं होने 12वीं की शिक्षिका ने कोरोना जांच कराई तो 12 मार्च को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसकी जानकारी शिक्षिका ने स्कूल के प्रिंसिपल को दी। प्रिंसिपल ने स्कूल के छात्र-छात्राओं और संपर्क में रहे अन्य शिक्षकों की जांच कराई। पॉजिटिव महिला के संपर्क में रहने वालों की रिपोर्ट अभी तक पॉजिटिव नहीं आई है। जिला शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार भार्गव का कहना है कि पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद निश्चित रूप से स्कूल को बंद कर दिया जाएगा। सुरक्षा को देखते हुए सभी की जांच के साथ बच्चों और अन्य शिक्षकों की देखरेख के लिए स्वास्थ्य विभाग को सूचित किया जाएगा।

15 फरवरी से जिले में स्कूल खुले थे। ठीक 8 दिन बाद तखतपुर ब्लॉक के पाली हाई स्कूल की तीन छात्राएं कोरोना की चपेट में आईं। डीईओ ने स्कूल को तत्काल बंद करवाया था। इसके बाद 4 मार्च को सेंट फ्रांसिस स्कूल में 18 वर्षीय छात्र की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। संपर्क में रहे अन्य छात्र और शिक्षकों की जांच हुई तो एक छात्रा और एक शिक्षिका भी संक्रमित हुईं। एक ही स्कूल में तीन मरीजों के मिलने के बाद भी स्कूल प्रबंधन स्कूल को बंद नहीं करने की मनमानी पर उतारू था। लेकिन डीईओ ने कड़ा आदेश जारी कर स्कूल को बंद कराया।

बिलासा गर्ल्स कॉलेज के 4 शिक्षक-शिक्षकाएं, लैब अटेंडेंट संक्रमित हुए तो कॉलेज को बंद कर दिया गया। साथ ही कॉलेज में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शिविर लगाकर 30 से ज्यादा शिक्षक-शिक्षिकाओं, अधिकारी-कर्मचारियों का सैंपल लिए हैं। रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।

कोरोना वैक्सीन के आने से लोगों में उम्मीद जरूर जागी है कि अब वे सामान्य जिंदगी जी पाएंगे। लेकिन उन्हें कोरोना से बचाव के लिए बनाए गए प्रोटोकॉल का पालन करते रहना होगा क्योंकि वैक्सीन लगने के बाद भी कोरोना की चपेट में आ सकते हैं। हाल ही में स्वास्थ्य विभाग की महिला कर्मचारी कोरोना की चपेट में आ गई हैं। उसलापुर में रहने वाली 35 वर्षीय ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर की कोरोना रिपोर्ट 12 मार्च को पॉजिटिव आई थी। अभी वे घर पर होम आइसोलेट हैं और उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक 35 वर्षीय महिला कोटा ब्लॉक में ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर के पद पर पदस्थ हैं। पहले डोज लगवाने के ठीक 28 दिन बाद यानी 25 फरवरी को उन्होंने अपना दूसरा डोज लगवाया था। दूसरे डोज की वैक्सीन लगने के बाद उन्हें सर्दी, जुकाम खांसी की शिकायत हुई तो उन्होंने एंटीजन के साथ आरटी-पीसीआर जांच भी कराई।

सीएमएचओ का कहना है कि भले ही कोरोना की वैक्सीन आ गई है लेकिन सुरक्षा अभी भी जरूरी है। मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग सहित सुरक्षा के लिए बनाए गए नियमों का पालन नहीं करेंगे तो कोरोना वैक्सीन लगने के बाद भी संक्रमित हो सकते हैं। इसलिए लोगों को सलाह दी जा रही है कि वे वैक्सीन लगने के बावजूद कोविड से जुड़ी सावधानियां बरतते रहें। वैक्सीन एक अच्छी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न करती है, जो रोगजनक के खिलाफ काम करती है।

जिले में कोरोना की गति बढ़ गई है। रविवार को 69 पॉजिटिव मिले तो सोमवार को 42 मरीजों की पहचान हुई। 22 इलाकों में मिले नए संक्रमितों को मिलाकर कुल रोगियों की संख्या 21734 तक पहुंच गई है। 39 मरीज शहर में मिले हैं। ग्रामीण क्षेत्र से तीन लोग कोविड की चपेट में आए हैं। चिंताजनक बात है कि जिले में सोमवार कोरोना पीड़ित एक और मरीज की मृत्यु हो गई। बंधवापारा सरकंडा में रहने वाले 70 वर्षीय मोहन लाल ने सिम्स में दम तोड़ा दिया। अब तक 320 मरीजों को हम खो चुके हैं। मार्च के 15 दिन में पांच लोग दम तोड़ चुके हैं। जबकि पूरे फरवरी महीने में पांच मृत्यु हुई थी। दिनभर में 23 मरीजों ने कोरोना से काम दी तो ठीक होने वालों की संख्या 21177 हो गई।

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