सर्दियों में और खतरनाक होगा कोरोना, आ सकती है दूसरी लहर: नीति आयोग
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस का कहर बना हुआ है. हर दिन कोरोना वायरस के नए मामले सामने आ रहे हैं. हालांकि पिछले तीन हफ्तों से नए कोरोना वायरस मामलों और मौतों की संख्या में गिरावट आई है. वहीं नीति आयोग का कहना है कि सर्दी के मौसम में कोरोना वायरस के संक्रमण की दूसरी लहर भी देखी जा सकती है.
नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने कहा कि कोरोना वायरस के मामलों और मौत के आंकड़े में पिछले तीन हफ्तों में गिरावट आई है. देश के कई राज्यों में यह महामारी फैल चुकी है. हालांकि सर्दी के मौसम में कोरोना संक्रमण के दूसरी लहर की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है.
पॉल देश में महामारी से निपटने के प्रयासों में समन्वय करने वाले एक विशेषज्ञ पैनल के प्रमुख भी हैं. उन्होंने कहा कि एक बार कोरोना वैक्सीन उपलब्ध होने के बाद इसे वितरित करने के साथ ही नागरिकों के लिए इसे सुलभ बनाने के लिए पर्याप्त संसाधन होंगे.
पॉल ने एक साक्षात्कार में पीटीआई को बताया, ‘भारत में पिछले तीन हफ्तों में नए कोरोना वायरस के मामलों और मौतों की संख्या में गिरावट आई है और अधिकांश राज्यों में महामारी स्थिर हो गई है. हालांकि पांच राज्य (केरल, कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल) और 3-4 केंद्र शासित प्रदेश हैं, जहां अभी भी एक बढ़ती हुई प्रवृत्ति है.
बेहतर स्थिति
पॉल के मुताबिक भारत अब कुछ बेहतर स्थिति में है लेकिन देश को अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना है क्योंकि 90 प्रतिशत लोग अभी भी कोरोना वायरस संक्रमण के लिए अतिसंवेदनशील हैं. पॉल ने कहा कि सर्दियों की शुरुआत के साथ यूरोप के देश कोरोना मामलों के पुनरुत्थान को देख रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘सर्दियों के मौसम में उत्तर भारत के साथ-साथ त्यौहारी सीजन में प्रदूषण में कुछ वृद्धि हुई है, हमें बहुत सावधान रहना होगा. आने वाले महीने चुनौती वाले हैं.’ पॉल ने नए मामलों की संख्या में गिरावट के बारे में किसी भी शालीनता के प्रति आगाह किया और महामारी को रोकने के प्रयासों को बनाए रखने का आह्वान किया.
कोरोना वैक्सीन के भंडारण और वितरण के बारे में उन्होंने कहा कि भारत में एक हद तक पर्याप्त कोल्ड स्टोरेज की सुविधा है और इसे आवश्यकतानुसार बढ़ाया जा सकता है. वैक्सीन उपलब्ध होने के बाद वैक्सीन पहुंचाने और नागरिकों के लिए इसे सुलभ बनाने के लिए पर्याप्त संसाधन होंगे और उन परिस्थितियों में संसाधनों के बारे में कोई चिंता नहीं होगी.
कम्युनिटी ट्रांसमिशन
वहीं संडे संवाद में स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने माना कि कोरोना संक्रमण कम्युनिटी ट्रांसमिशन के चरण में पहुंच गया है. हालांकि हर्षवर्धन ने स्पष्ट करते हुए कहा कि यह देश भर में नहीं हो रहा है बल्कि कुछ जिलों में है.