छत्तीसगढ़ में बना देश का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व, इन लोगों को मिलेगा रोजगार
रायपुर। छत्तीसगढ़ में देश का तीसरा सबसे बड़े टाइगर रिजर्व का गठन हो गया है. देश का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व पार्क गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान को बनाया गया है. तमोर पिंगला का जंगल अब बाघों से आबाद होगा. गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान को टाईगर रिजर्व बनाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया था.
छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से अधिसूचना जारी की गई है. उद्यान संचालक सौरव सिंह ने इसको लेकर पुष्टि की है. जल्द ही टाइगर रिजर्व पूरी तरह अस्तित्व में आएगा. दस्तावेजों तैयारी पूर्ण की जा रही है. टाइगर रिजर्व बनने से इससे आसपास के इलाकों में रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे. इस नए रिजर्व से राज्य में टाइगर रिजर्व की संख्या चार हो गई है.
पहले संजय नेशनल पार्क का हिस्सा था यह क्षेत्र
मध्य प्रदेश से अलग होने से पहले कोरिया का यह जंगल संजय नेशनल पार्क का हिस्सा था. छत्त्तीसगढ़ के गठन के बाद यह कोरिया जिले में आ गया. इस वन क्षेत्र का कुल लगभग 1440.57 वर्ग किलोमीटर में है. इस जंगल में बाघ, तेंदुआ, नीलगाय समेत 32 प्रकार के वन्यप्राणी रहते हैं. कोरिया के गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और सरगुजा के तमोर पिंगला अभयारण्य को मिलाकर टाइगर रिजर्व बनाया गया था.
छत्तीसगढ़ में ये 4 टाइगर रिजर्व
वर्तमान में छत्तीसगढ़ में टाइगर रिजर्व की संख्या कुल 4 हो गई है. इसमें इंद्रावती (बीजापुर जिला), उदंती-सीतानदी (गरियाबंद), अचानकमार (मुंगेली), गुरु घासीदास-तमोर पिंगला (सरगुजा). गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व भारत का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व बन जाएगा. 2,829.387 वर्ग किलोमीटर में फैले हुए इस टाइगर रिजर्व का कुछ हिस्सा कोरिया, मनेन्द्रगढ़-भरतपुर-चिरमिरी, सूरजपुर और बलरामपुर ज़िले भी आता है.