सबसे अलग : बेटे की चाह में आरक्षक सस्पेंड; तीन बेटियों के बाद चौथी बार गर्भवती हुई पत्नी, छुट्टी का आवेदन लेकर पहुंचे आरक्षक पति को मिला निलंबन आदेश
बालोद। ‘हम दो हमारे दो’ की टैग लाइन याद है की नहीं? यदि आप सरकारी कर्मी है और यह पंचलाइन भूल गए हैं तो ठीक से याद कर लीजिये। इसका पालन नहीं करेंगे तो यह आपकी सेवा शर्तों का उल्लंघन माना जा सकता हैं। ऐसा ही एक मामला बालोद जिले में सामने आया हैं जहाँ तीन बेटियों के बाद चौथी बार पिता बनने जा रहे आरक्षक को डिलवरी के दौरान पत्नी की साथ में मौजूद रहने के लिए छुट्टी का आवेदन देना भारी पड़ गया. अधिकारी ने राष्ट्रीय जनसंख्या नीति का घोर उल्लंघन करने पर उन्हें निलंबन आदेश थमा दिया है. आरक्षक के खिलाफ की गई निलंबन की कार्रवाई के बाद वाहिनी में हड़कंप मचा हुआ है. जिनकी दो से अधिक संतान है, उन्हें भी अब कार्रवाई का डर सताने लगा है।
मिली जानकारी के अनुसार, धनोरा स्थित 14वीं वाहनी छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल में पदस्थ आरक्षक 458 प्रहलाद सिंह उत्तरप्रदेश के मथुरा का रहने वाला है. 23 जून को अपने वेतन को चालू करने और पत्नी की डिलवरी का हवाला देते हुए 8 दिवसीय अवकाश का आवेदन लेकर सशस्त्र बल कार्यालय में उपस्थित हुआ था. अधिकारी ने जब आरक्षक की सेवा पुस्तिका देखी तो हैरान रह गए. पता चला कि प्रहलाद की पहले से ही 3 बेटियां है, और उनकी पत्नी चौथी बार गर्भवती है.
आरक्षक के खिलाफ तत्काल निलंबन की कार्रवाई की गई. जारी निलंबन आदेश में बताया गया कि शासकीय कर्मचारी होने के बावजूद पुत्र की चाह में वर्तमान परिस्थिति के दृष्टिगत, राष्ट्रीय जनसंख्या नीति का घोर उल्लधन कर अनुशासनहीनता प्रदर्शित किया गया है. एवं छग/मप्र सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 (1) तीन 3- क (क) (ग) एवं 3 ख (क) का घोर उल्लंघन करना पाया गया.
14वीं वाहनी छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल सेनानी डीआर आंचला ने बताया कि आरक्षक को निलंबित किया गया है. इसके साथ दो और आरक्षको को भी दो से अधिक संतान होने की वजह से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. आरक्षक प्रहलाद सिंह डी समवाय कैम्प नगरी जिला धमतरी में है. निलंबन अवधि मे उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता की पात्रता होगी.