November 1, 2024

सरहद पर दिवाली! इस तस्वीर को देख आपको अपने जवानों पर गर्व होगा

नई दिल्ली। कितनी प्यारी तस्वीर है! सरहद पर जवान की दीपावली। दीयों को रोशन करता जवान। तस्वीर भारत और पाकिस्तान के बीच लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) की है। जगह है अखनूर सेक्टर। तस्वीर में जवान कंटीले बाड़ के बीच में दीये रोशन कर रहा है। धनतेरस पर जवानों ने एलओसी पर लक्ष्मी पूजा की और पटाखे भी छोड़े। इस तस्वीर को देख भला किसे हमारे जांबाज जवानों पर गर्व नहीं होगा।

अखनूर सेक्टर में जहां की ये तस्वीर है, वहां तैनात एक अफसर के शब्दों पर गौर कीजिए, अफसर ने कहा, ‘हम अपने घरों से मीलों दूर दिवाली मनाते हैं। सेना हमारे लिए एक और परिवार है, बृहद परिवार।’

त्योहारों का मौसम है। घर से लेकर बाजार तक, गली से लेकर सड़कें तक सब गुलजार हैं। रोशन हैं। जश्न का माहौल है। रौनक है। ये सबकुछ इसलिए है कि सरहद पर कोई हर वक्त निगहबानी कर रहा है।

सियाचिन की हाड़ गलाने वाली ठंड हो या एलओसी या फिर एलएसी…हमारे वीर जवान हर वक्त तैनात हैं। वहीं पर उनकी दिवाली है, वही पर उनकी होली, वही पर उनकी ईद है, वही पर उनका हर त्योहार। वह आतंकी घुसपैठ रोकने के लिए हर वक्त एलओसी पर नजर रख रहा। सरहद पर पाकिस्तान की तरफ से कोई खुराफात न हो, उस पर भी नजर है उसकी। चीन की पीएलए एलएसी पर दुस्साहस न कर सके, इसे लेकर भी वो मुस्तैद हैं।

हम अपने घरों में त्योहारों का जश्न मना पाते हैं, इसलिए कि कोई है जो अपने परिवार से दूर, अपने बच्चों से दूर, अपनों से दूर, बहुत दूर सरहद की पहरेदारी कर रहा है। वह जाग रहा ताकि हम चैन से सो सकें। वह त्याग कर रहा इसलिए हम सुकून से जी रहे, त्योहारों में जश्न में डूब रहे। वाकई कितनी प्यारी तस्वीर है। सरहद पर जवान की दिवाली।

आइए इस दिवाली एक अलग से दीया इन जांबाजों के सम्मान में जलाएं। इसे अपने फर्ज की तरह निभाएं। खूब जश्न मनाइए। खूब खुशियां मनाइए। इन सबके बीच यह याद जरूर रखें कि हम अगर आज जश्न मना रहे हैं तो उसके पीछे किसी का बलिदान है। कोई अपनों से दूर सरहद पर तैनात है ताकि हम अपनों के बीच खुशियां मना सकें।

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