किसानों की बल्ले-बल्ले, 6 दिन में कमाए 502 करोड़ रुपये, अभी और होगी कमाई, जानिए इसलिए मिली है ये रकम
रायपुर। छत्तीसगढ़ में 14 नवंबर से धान खरीदी की शुरुआत हो गई है. पिछले 19 नवंबर तक प्रदेश में धान खरीदी का आंकड़ा 3 लाख टन के पार पहुंच गया है. वहीं, किसानों को 502.53 करोड़ रूपए का भुगतान भी कर दिया गया है. इसके साथ ही दूसरे राज्यों से धान आवक रोकने के लिए पुलिस और खाद्य विभाग की टीम सीमावर्ती क्षेत्रों में कड़ी निगरानी रख रही है.
खरीदी का आंकड़ा 3 लाख टन के पार : खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण मंत्री दयालदास बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 14 नवंबर से अब तक मात्र 6 दिनों में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन का आंकड़ा 3 लाख टन के पार पहुंच गया है. मंत्री बघेल ने आगे कहा कि धान खरीदी छत्तीसगढ़ सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. राज्य सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ प्रदेश के पंजीकृत किसानों से 2739 उपार्जन केन्द्रों में धान खरीद रही है. चालू विपणन वर्ष में करीब 160 लाख टन धान उपार्जन का अनुमान लगाया जा रहा है.
किसानों को 502.53 करोड़ रूपए का भुगतान : धान खरीदी के छठवें दिन तक प्रदेश में 3.09 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की जा चुकी है. राज्य के करीब 68,668 किसान अब तक धान बेच चुके हैं. वहीं किसानों को बैंक लिंकिंग व्यवस्था के तहत 502.53 करोड़ रूपये का भुगतान भी किया गया है. प्रदेश में धान खरीदी की अंतिम तिथि 31 जनवरी 2025 तय की गई है.
प्रदेश के विभिन्न जिलों में आज 20,296 किसानों से 93 हजार 581 मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई है. राज्य में धान बेचने के लिए इस साल 27.68 लाख किसानों का पंजीयन हुआ है, जिसमें 1.42 लाख नए किसान शामिल हैं. 19 नवम्बर के लिए कुल 23791 टोकन जारी किए गए थे. आगामी 20 नवंबर के लिए 19934 टोकन जारी किए गए हैं : दयालदास बघेल, खाद्यमंत्री, छत्तीसगढ़
माइक्रो एटीएम से नकद निकासी की सुविधा : खाद्यमंत्री दयालदास बघेल ने आगे बताया कि मुख्यमंत्री साय ने किसानों की सुविधा के लिए नई सुविधा दी है. किसान अब उपार्जन केन्द्रों के माइक्रो एटीएम से दो हजार रूपए से लेकर दस हजार रूपए तक की राशि निकाल सकते हैं. इससे सुविधा से किसानों को धान उपार्जन केंद्र तक परिवहन हेतु किराए पर लिए गए मालवाहक गाड़ियों का भाड़ा और हमाली मजदूरी के भुगतान करने में सुविधा होगी. मुख्यमंत्री साय के इस पहल से किसानों में खुशी का माहौल है.
सीमावर्ती क्षेत्रों में कड़ी निगरानी जारी : दूसरे राज्यों से धान के अवैध परिवहन को रोकने के लिए प्रदेश के बॉर्डर इलाकों में विशेष निगरानी रखी जा रही है. कई जगहों पर चेक पोस्ट बनाकर बड़े वाहनों की जांच की जा रही है. राज्य स्तरीय वरिष्ठ अधिकारियों की टीम बनाई गई है, जो सभी जिलों में धान खरीदी की लगातार मानिटरिंग कर रहे हैं.