छत्तीसगढ़ में पहला पक्षी महोत्सव : गिधवा-परसदा जलाशयों में देशी-विदेशी चिड़ियों को देखकर चहक उठे सैलानी
बेमेतरा/रायपुर । देशी-विदेशी पक्षियों के प्रवास को पर्यटन से जोड़ने के लिए बेमेतरा जिले के गिधवा-परसदा जलाशय में पक्षी महोत्सव की आज शुरूआत हो गई। एक साथ कई तरह के पक्षियों को देखकर सैलानी उत्साहित हैं। इस महोत्सव की शुरुआत वन विभाग ने की है। इस दौरान विभिन्न तरह के सांस्कृतिक आयोजन भी हुए।
आयोजन की शुरुआत करते हुए प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी ने कहा, पक्षी महोत्सव के आयोजन से गिधवा-परसदा जलाशय की पहचान अन्तरराष्ट्रीय मानचित्र पर स्थापित होगी। गिधवा-परसदा जलाशय का परिवेश और आबोहवा देशी एवं विदेशी पक्षियों के अनुकूल है। इसकी वजह से यहां अक्टूबर एवं फरवरी के बीच मे सैकड़ो प्रजातियों के पक्षी अपना डेरा डालते हैं। उन्होंने कहा, कोशिश होगी की हर वर्ष दिसम्बर माह के अन्त में पक्षी महोत्सव का आयोजन किया जाएगा।
पक्षी महोत्सव प्रदेश में अपनी तरह का पहला आयोजन है। बेमेतरा जिले के गिधवा-परसदा स्थित दो बड़े जलाशयों में पिछले 25 साल से विदेशी पक्षी आ रहे हैं। यूरोप और अफ्रीका महाद्वीप से भी हजारो मील की दूरी तय कर पक्षी आते हैं। यहां देशी एवं विदेशी 150 प्रजाति के पक्षियों का प्रवास होता है। सामान्य रूप से अक्टूबर से फरवरी तक उनका इस जलाशय के पास निवास रहता है। पक्षी महोत्सव के आयोजन से छत्तीसगढ़ एवं बाहर के सैलानी इसका लाभ उठा सकेंगे। वही पक्षी प्रेमियों और पक्षी विज्ञानियों के लिए भी अध्ययन और शोध का अवसर मिलेगा।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी ने बताया, प्रदेश में वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने हमर चिरई-हमर चिन्हारी योजना शुरू की है। इसके तहत आने वाले समय मे दिसम्बर माह मे प्रदेश के सात स्थानों में पक्षी महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। इस आयोजन के लिए सलीम अली इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञों से चर्चा कर विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जायेगी।