March 29, 2024

GOOD NEWS : छत्तीसगढ़ के स्कूलों में जल्द बजेगी घंटी, कोरोना गाइडलाइन के तहत खोले जाएंगे स्कूल

प्रतीकात्मक चित्र

रायपुर। छत्तीसगढ़ में लगभग 11 महीनों से बंद पड़े स्कूलों में अब जल्द ही घंटी की आवाज़ सुनाई देने लगेगी। स्कूल चले हम वाली रौनक लौटने वाली है। सूत्रों की माने तो सूबे का स्कूल शिक्षा विभाग अगले सप्ताह से स्कूलों को खोलने की अनुमति जारी कर सकता है। शुरूआती तौर पर कक्षाओं का संचालन कोरोना गाइडलाइन के तहत ही होगा। इसके लिए विभाग की योजना भी तैयार हो चुकी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में 13 फरवरी को प्रस्तावित राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में इस योजना पर फैसला होगा। इसके बाद स्कूलों को खोलने की रुपरेखा सामने आ जायेगी। 

प्रदेश में कोरोना का पहला मामला 18 मार्च 2020 को सामने आया था। इसके साथ ही सूबे में स्कूलों को बंद कर अंतरराज्यीय सीमाओं को सील कर दिया गया। सरकारी कार्यालयाें में उपस्थिति आधी कर दी गई। स्कूल बंद करने का आदेश पहले 31 मार्च तक के लिए था। स्थितियां गंभीर हुईं तो स्कूलों को बंद करने का फैसला आगे भी जारी रहा। इसी बीच किसी तरह स्कूलों की परीक्षाएं करा ली गईं। 

केंद्र सरकार ने 15 अक्टूबर को स्कूल खोलने के निर्देश जारी किये। लेकिन स्कूल खोलने पर अंतिम फैसला राज्यों पर छोड़ दिया गया। उसी समय प्रदेश में कोरोना के केस अधिकतम स्तर पर थे। ऐसे में सरकार स्कूल खोलने का जोखिम नहीं उठा पाई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उस समय कहा था, कोरोना के बीच स्कूल खोलकर हम बच्चों के स्वास्थ्य के साथ रिस्क नहीं ले सकतें। अब जब कोरोना के मामले लगातार कम हो रहे हैं और परीक्षाओं का कार्यक्रम जारी हो चुका है, स्कूल खोलने की तैयारी भी शुरू हो चुकी है।

स्कूल शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, स्कूलों को खोलने की चरणबद्ध योजना पूरी तरह तैयार है। सूबे के स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम के मुताबिक़, विभागीय बैठकाें में इसकी चर्चा बार-बार होती रही है। हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी की परीक्षाएं होनी हैं। ऐसे में स्कूलों को खोलने की बात हो रही है। स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा, मंत्रिपरिषद की अगली बैठक में इस विषय पर चर्चा हो सकती है। बताया जा रहा है कि 13 फरवरी की कैबिनेट में यह प्रस्ताव आएगा।

बताया जा रहा है, स्कूल शिक्षा विभाग की योजना सबसे पहले हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी की कक्षाओं में पढ़ाई शुरू कराने की है। इन दोनों कक्षाओं के विद्यार्थियों को अप्रेल-मई में परीक्षा का सामना करना है। उनकी प्रायोगिक परीक्षाएं चल रही हैं। ऐसे में उनकी नियमित कक्षाएं शुरू करना आसान और सुरक्षित होगा। बाद में जूनियर और  प्राथमिक कक्षाओं को संचालन की अनुमति मिलेगी।

बताया जा रहा है कि स्कूल शिक्षा विभाग ने जो योजना तैयार की है, उसमें स्कूलों को पूरी तरह सेनिटाइज करने पर जोर है। कक्षाओं के शुरू होने से पहले सभी फर्नीचर, उपकरण, पानी के टैंक, शौचालयों, प्रयोगशाला, पुस्तकालय और दूसरे हिस्सों की साफ-सफाई के बाद पूरी तरह सेनिटाइज करना होगा। कक्षाओं में विद्यार्थियों को सुरक्षित दूरी पर बिठाया जाएगा। मास्क अनिवार्य होगा।

कई मंत्रियों को अभी भी स्कूल खोलने को लेकर कुछ चिंताएं हैं। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा, अभी कुछ दिन पहले ही कोण्डागांव के एक मोहल्ला स्कूल में कई बच्चों के कोरोना संक्रमित होने का केस आया था। अगर स्कूल खोलने के बाद वहां ऐसा हुआ तो मुश्किल होगी। इसलिए सभी परिस्थितियों पर विचार किया जा रहा है। बहरहाल सबकुछ अनुकूल रहा तो जल्द ही छत्तीसगढ़ के स्कूलों में घंटी बजने लगेगी। 

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