‘छत्तीसगढ़ में सेटिंग और ATM की सरकार’: OP चौधरी बोले – 12 हजार शिक्षकों के पदस्थापना में धांधली, जांच की मांग
रायपुर। छत्तीसगढ़ बीजेपी ने आज मंगलवार को फिर एक बड़े घोटाले को उजागर किया है। भाजपा प्रदेश महामंत्री ओपी चौधरी ने बीजेपी प्रदेश कार्यालय एकात्म परिसर रायपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस लेकर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार ने शिक्षकों के 15 हजार पदों में प्रमोशन देने के बाद पदस्थापना के लिए कोई काउंसलिंग आयोजित नहीं की। सहायक शिक्षक से शिक्षक एवं शिक्षक से मिडिल स्कूल के शिक्षकों के 12 हजार पदों के लिए जो काउंसलिंग हुई, उसमें पदस्थापना के नाम पर रुपए की उगाही की गई। शिक्षा व्यवस्था में भी कांग्रेस सरकार ने भ्रष्टाचार किया है। प्रदेश में सेटिंग एवं एटीएम की सरकार है। प्रदेश के मुख्यमंत्री एटीएम बनकर भ्रष्टाचार के पैसों को गांधी परिवार तक पहुंचा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पहले सहायक शिक्षक से प्राइमरी स्कूल के हेडमास्टर की पदोन्नति की व्यवस्था थी, जिसमें 15000 पदों के लिए पदोन्नति की गई, जो सहायक शिक्षक से प्राइमरी स्कूल के हेड मास्टर बने। पदोन्नति होने के बाद पदस्थापना के लिए काउंसलिंग का आयोजन ही नहीं किया। जॉइंट डायरेक्टर की ओर से 778 शिक्षकों के ट्रांसफर आदेश संशोधित किए गए थे, जिसमें लाखों रुपए का लेनदेन हर शिक्षक से किया गया था। सवाल करते हुए पूछा कि कांग्रेस जवाब दें इस घोटाले के पीछे किसका हाथ है? पैसों का लेन-देन कर बिलासपुर के शिक्षकों को रायगढ़, जांजगीर-चांपा, कोरबा और मरवाही जिले के स्कूलों में ट्रांसफर किया गया था। दूसरे जिलों के शिक्षकों को बिलासपुर ट्रांसफर किया गया था। पैसे लेकर शिक्षकों की पदोन्नति प्रक्रिया में हो रही अनियमितता की शिकायत खुद कई कांग्रेस के नेताओं ने भी की है।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की शिक्षा व्यवस्था को मुख्यमंत्री ठीक तो नहीं कर सके, लेकिन शिक्षकों के ट्रांसफर-पोस्टिंग में लेन-देन का खेल जरूर कर दिया। दावा करते हुए कहा कि इसे शिक्षा मंत्री रविन्द्र चौबे जी ने भी स्वीकारा है। कांग्रेस ने भ्रष्टाचार की जड़े इतनी गहरी जमा दी है कि उसका प्रभाव अब छत्तीसगढ़ की शिक्षा व्यवस्था पर भी दिखने लगा है। पत्रकार वार्ता में भाजपा प्रदेश प्रवक्ता केदार गुप्ता, प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी मौजूद रहे।
बीजेपी ने सीएम भूपेश से पूछे सवाल
आखिर माननीय हाईकोर्ट को शिक्षकों का तबादला आदेश निरस्त क्यों करना पड़ा?
15 हजार शिक्षकों की प्राइमरी स्कूल हेड मास्टर में प्रमोशन के बाद पदस्थापना में काउंसलिंग क्यों नहीं की गई?
12 हजार शिक्षकों के प्रमोशन के बाद पदस्थापना में भारी पैसा लेकर संशोधन क्यों किया गया?
आखिर इस भ्रष्टाचार के पीछे के मूल सरगना कांग्रेसियों पर कार्यवाही कब की जायेगी?
अधिकारियों पर कार्यवाही करके मोहरों को कब तक प्रताड़ित करेंगे? मुख्यमंत्री जी असली चेहरों को सामने लाने के लिए क्या न्यायिक जांच आयोग के गठन का साहस कब जुटा पायेंगे?