December 25, 2024

राज्यपाल ने दी विधानसभा के विशेष सत्र की मंजूरी, 27-28 अक्टूबर के लिए अधिसूचना जारी

bhup-anusuiya

रायपुर।  छत्तीसगढ़ के राज्यपाल अनुसुइया उइके ने सरकार को विधानसभा के विशेष सत्र बुलाए जाने की मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही सरकार के लिए 27-28 अक्टूबर को दो दिवसीय सत्र बुलाए जाने का रास्ता साफ हो गया है. राजभवन से मंजूरी मिलने के बाद छत्तीसगढ़ विधानसभा सचिवालय ने सत्र की अधिसूचना जारी कर दी है. विधानसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक सत्र की कार्यवाही 27 और 28 अक्टूबर को होगी. इस दौरान भूपेश सरकार केंद्र के कृषि कानून के विरोध में न केवल निंदा प्रस्ताव ला सकती है, बल्कि राज्य के किसानों के हितों से जुड़े मुद्दों पर संशोधन विधेयक भी पेश कर सकती है. विधानसभा सचिव चंद्रशेखर गंगराड़े ने अधिसूचना ने 2 बैठकों का जिक्र भी किया है. 


बुधवार को राज्यपाल से कृषि मंत्री के मुलाकात के बावजूद विधानसभा का विशेष सत्र बुलाए जाने को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी. मुलाकात के बाद भी मंत्री ने विधानसभा के विशेष सत्र को लेकर अधिसूचना जारी होने के साफ संकेत नहीं दिए थे . लेकिन सरकार के जवाब से संतुष्ट होकर राज्यपाल ने विधानसभा विशेष सत्र बुलाए जाने की मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही स्थिति साफ हो गई है.

संसद में पारित किए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में छत्तीसगढ़ विधानसभा के विशेष सत्र बुलाए जाने को लेकर राज्य सरकार ने राजभवन में फाइल भेजी थी. विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र बुलाए जाने की मंशा के साथ राज्यपाल की मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेजा गया था.कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा था कि दिवाली के पहले विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जा सकता है. इसके लिए सभी विभागों ने तैयारी शुरू कर दी है. इस सत्र में केंद्र सरकार के पारित नए कृषि कानूनों को रोकने के लिए राज्य सरकार का अपना कानून बनाया जा सकता है. केंद्र सरकार के बनाए नए कृषि कानूनों के खिलाफ छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार लगातार विरोध कर रही है.

छत्तीसगढ़ में सरकार और राजभवन के बीच टकराव की स्थिति बन गई थी. छत्तीसगढ़ विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने के लिए भेजी गई फाइल को राजभवन ने लौटा दिया था. राजभवन ने फाइल लौटाकर पूछा था कि, 58 दिन पहले ही जब सत्र आहूत किया गया था, तो ऐसी कौन सी परिस्थिति आ गई है कि विशेष सत्र बुलाए जाने की जरूरत पड़ रही है? सरकार ने अपना जवाब भेजा था. साथ ही बुधवार को खुद मंत्री रविंद्र चौबे ने राज्यपाल से मुलाकात की थी.टकराव के मुद्दे पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि कोई भी बिल विधानसभा से पास होने के बाद राजभवन जाता है. सबसे पहली बात है कि जो पूर्ण बहुमत की सरकार है उसे सत्र बुलाने से राज्यपाल नहीं रोक सकतीं हैं. इसके बाद भी अगर कोई जवाब तलब होता है तो सरकार की ओर से जवाब दिया जाएगा. उन्होंने कहा था कि राजभवन को राजनीतिक अखाड़ा का केंद्र नहीं बनाना चाहिए. 

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