खबर का असर : मोतियाबिंद ऑपरेशन में लापरवाही पर बड़ी कार्रवाई, नेत्र सर्जन समेत 3 को किया निलंबित, आदेश जारी
रायपुर। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिला अस्पताल में बीते दिनों मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद ग्रामीणों की आंख में संक्रमण फैलने के मामले में सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। प्रारंभिक जांच में लापरवाही पाई जाने पर नेत्र सर्जन समेत दो सहायक स्टाफ को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। जनरपट ने को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसके बाद सरकार हरकत में आई हैं।
जारी आदेश के अनुसार, ग्रामीणों की मोतियाबिंद सर्जरी करने वाली नेत्र सर्जन डॉ. गीता नेताम, स्टाफ नर्स (आईओटी) ममता वैध और नेत्र सहायक अधिकारी दीप्ति टोप्पो को निलंबित किया गया है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी निलंबन आदेश में उल्लेख किया गया है कि 22 अक्टूबर को दंतेवाड़ा जिला चिकित्सालय में हुई मोतियाबिंद सर्जरी के दौरान मरीजों के आंखों में संक्रमण की घटित घटना के संबंध में जांच दल गठित कर जांच कराई गई। जांच प्रतिवेदन अनुसार जिला चिकित्सालय दंतेवाड़ा में मोतियाबिंद सर्जरी के लिए निर्धारित प्रोटोकाल का समुचित रूप से पालन नहीं किया गया।
प्रथम दृष्टया नेत्र सर्जन डॉ. गीता नेताम, स्टाफ नर्स (आईओटी) ममता वैध और नेत्र सहायक अधिकारी दीप्ती टोप्पो की बड़ी लापरवाही सामने आई है। इनका कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 3 के विपरित होने की वजह से परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9 (1) (क) के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित करता है।
जानिए क्या है पूरा मामला
मंगलवार 22 अक्टूबर को दंतेवाड़ा जिला अस्पताल में 20 लोगों का मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया था, इसके दूसरे दिन इनमें से 10 ग्रामीणों ने आँखों में जलन खुजली और दिखाई न देने की जानकारी दी। तब एक मरीज को जगदलपुर के मेडिकल कॉलेज और 9 को रायपुर के अंबेडकर हॉस्पिटल में रेफर कर दिया गया। इसके बाद रविवार को स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी अस्पताल पहुंचे और मरीजों का हाल-चाल जाना। इस दौरान उन्होंने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के निर्देश दिए थे। जिसके बाद अब जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों को निलंबित कर दिया गया है। मंत्री जायसवाल ने डॉक्टर्स की टीम को सभी का सही से इलाज किये जाने का निर्देश दिया है।