November 16, 2024

मनरेगा के तहत काम की मांग में भारी बढ़ोतरी, प्रवासी मजदूरों को मिली मदद

नई दिल्ली।  कोरोना वायरस महामारी की वजह से चालू वित्त वर्ष में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) के तहत काम या रोजगार की मांग में भारी इजाफा हुआ है।  सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इस रोजगार योजना के तहत कुल 1.01 लाख करोड़ रुपये के आवंटन में से करीब 42 प्रतिशत राज्यों को वितरित किया जा चुका है। छत्तीसगढ़ इस योजना के क्रियान्वयन में  देश में शीर्ष पर चल रहा हैं। देश के दूसरे राज्य भी अब मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के इसी दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। 


सूत्रों ने बताया कि मनरेगा के तहत चालू वित्त वर्ष में रोजगार की मांग जितनी तेजी से बढ़ी है उसके मद्देनजर मांग को पूरा करने के लिए अच्छी-खासी राशि की जरूरत होगी। 

लॉकडाउन की वजह अपने गृह राज्यों को वापस लौटे प्रवासी मजदूरों को मदद के लिए सरकार ने मनरेगा का दायरा बढ़ाया है।  सरकारी सूत्रों ने कहा कि अब शौचालय के निर्माण और ड्रगन फ्रूट लगाने के काम को भी इसके तहत लाया गया है।

सूत्रों ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय के निर्माण पर श्रम की लागत मनरेगा के तहत दी जाएगी. इसके अलावा ड्रैगन फ्रूट लगाने के काम को भी मनरेगा के कार्यों की सूची में जोड़ा गया है. यह मुख्यत: पूर्वोत्तर राज्यों में होता है। 

ग्रामीण विकास मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि मनरेगा के तहत कार्यो का दायरा अपने घरों को लौटे प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने के लिए बढ़ाया गया है।  सूत्रों ने बताया कि मंत्रालय का कहना है कि इस योजना के तहत चालू वित्त वर्ष में अतिरिक्त कोष की जरूरत पड़ सकती है, क्योंकि पिछले साल की तुलना में रोजगार की मांग दोगुना से अधिक हो गई है। सूत्रों ने कहा कि योजना के तहत कुल आवंटन 1.01 लाख करोड़ रुपये है. इसमें प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत आवंटित 40,000 करोड़ रुपये भी शामिल हैं. कुल आवंटित राशि में 43,000 करोड़ रुपये राज्यों को वितरित की जा चुकी है। 

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