April 20, 2024

महंगाई की मार : 90 का तेल 145 में तो 85 की दाल 115 रुपए किलो बिक रही

रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोरोना के बाद लगे लॉकडाउन व अनलॉक के बाद महंगाई लगातार बढ़ रही है। सीमेंट, गिट्‌टी तथा अन्य सामग्रियों के बाद अब खाद्य सामग्रियों के दाम में बढ़ोत्तरी से रसोई का जायका बिगड़ गया है। मंहगाई की मार इतनी है कि लोगों की रसोई में दाल रोटी के लिए भी काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। 

आर्थिक संकट से जूझ रहे लोगों को महंगाई और सताने लगी है। एक तरफ जहां 19 दिसंबर को डीजल का रेट 82.56 था जो अब बढ़कर 89.24 रूपए हो गया है वहीं पेट्रोल का रेट इस समय 90 रूपए 68 पैसे है जो 19 दिसंबर को 84 रूपए 93 पैसे था। वहीं दो महीने में रसोई गैस की कीमत भी बढ़ गई है। 13 फरवरी तक सब्सिडी वाला एक गैस सिलेंडर लोगों को 743 रूपए में मिल रहा था तो वहीं अब गैस की कीमत बढ़कर 793 रूपए हो गई है। ऐसा पहली बार हुआ है कि एक महीने में पेट्रोलियम कंपनियों ने तीसरी बार गैस सिलेंडर के दामों में बढ़ोत्तरी की है। 

यदि खाद्य तेलों की बात करें तो इसके भाव में 40 रुपये तक की वृद्धि हुई है। लॉकडाउन के समय प्रति लीटर 90 से 100 रूपए में बिकने वाला सरसों तेल इस समय 140 से 150 रुपए प्रति किलो पहुंच चुका है। इसके अलावा 85 से 90 रुपए प्रति किलो मिलने वाला सोयाबीन तेल इन दिनों 125-30 रूपए प्रति किलो हो गया है। इसके अलावा मूंगफली का एक लीटर तेल जो करीब दो महीने पहले 173 रूपए में मिलता था वह अब बढ़कर 220 रूपए हो गया है।


व्यापारियों ने बताया कि पिछले साल जून 2020 से लेकर अब तक महंगाई में काफी बढ़ोत्तरी हुई है। लॉकडाउन के समय जो अरहर दाल लोगों को आसानी से 85- 90 रूपए प्रति किलो के रेट पर बिक रही थी जो अब बढ़कर 110- 120 रूपए तक पहुंच गई है।

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