April 6, 2025

वैक्सीनेशन की दो डोज लगवाने के बाद जांजगीर कलेक्टर फिर पॉजिटिव; तीन दिन पहले ही लगवाई थी वैक्सीन

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जांजगीर चाम्पा। छत्तीसगढ़ में कोरोना टीके की दूसरी डोज लगवाने के बाद भी कलेक्टर के संक्रमित होने का मामला आया है। इसके बाद वैक्सीनेशन को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं। अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के स्थानीय अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि यह सामान्य है। अधिकारियों के मुताबिक दूसरा डोज लगने के दो सप्ताह बाद ही शरीर में कोरोना वायरस की प्रतिरोधक क्षमता अथवा एंटीबॉडी बनती है।

जांजगीर-चांपा कलेक्टर यशवंत कुमार आज कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। उन्होंने 8 फरवरी को कोवीशील्ड वैक्सीन की पहली डोज लगवाई थी। 28 दिन बाद दूसरी डोज लगने की व्यवस्था है। ऐसे में पिछले 8 मार्च को उनको उसी वैक्सीन की दूसरी डोज लगाई गई। वैक्सीनेशन के तीन दिन बाद हुए एंटीजन टेस्ट में उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव मिलने से अफसरों-कर्मचारियों में वैक्सीनेशन को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं। इस आशंका को दूर करने के लिये अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) सामने आया है।

WHO के स्टेट टीम लीडर प्रनीत फटाले ने बताया, टीकाकरण के पहले डोज के 28 दिन बाद दूसरा डोज लेना है। दोनों डोज लग जाने के 15 दिनों के बाद ही शरीर में एंटीबॉडी बनती है। ऐसे में टीके के दोनों डोज के बीच और उसके बाद भी कोरोना से बचने के उपायों (कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर) का पालन अनिवार्य रूप से करना है। इस मामले में लापरवाही घातक हो सकती है।

अधिकारियों ने बताया, फिलहाल तीन उपायों से ही कोरोना संक्रमण के प्रसार पर लगाम लगाई जा सकती है। यह तीन उपाय हैं, मास्क का उपयोग, कम से कम दो गज की शारीरिक दूरी और साबुन, पानी अथवा सैनिटाइजर से हाथ धोते रहना। इनके जरिए ही खुद और परिजन को संक्रमित होने से बचाया जा सकता है।

WHO अधिकारी ने कहा, लोगों को यह भी ध्यान रखना होगा कि सर्दी, खांसी, बुखार, थकान, दस्त, भूख न लगना, गंध न आना आदि लक्षण होने पर तुरंत चिकित्सक की सलाह लेना है। ऐसे लक्षणों के दिखने पर कोरोना की जांच अवश्य कराएं। अभी सावधानी बरतने में ही सुरक्षा है।

छत्तीसगढ़ में अभी तक 90 प्रतिशत स्वास्थ्य कर्मियों, 78 प्रतिशत फ्रंट लाइन वर्करों को वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है। 51 प्रतिशत स्वास्थ्य कर्मियों ने दूसरी डोज भी लगवा लिया है। वैक्सीनेशन के दूसरे चरण में 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों और 45 वर्ष से अधिक के गंभीर बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों को टीका लग रहा है। ऐसे 1लाख 79 हजार से अधिक लोगों को टीका लगाया जा चुका है।

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