कटघोरा : शेर ने भैंस को दौड़ाया, वन अफसर बोले – तेंदुआ हो सकता है…
कोरबा। छत्तीसगढ़ के कटघोरा वनमंडल अंतर्गत केंदई परिक्षेत्र में जंगली जानवरों का आतंकी उत्पात लगातार जारी हैं है। अब ग्रामीणों ने बताया कि जंगल में शेर देखा है, उसी ने भैंस को दौड़ाया। दूसरी ओर वन विभाग का मानना है कि इस क्षेत्र में शेर नहीं है। इसके पदचिन्ह की जांच की जा रही है। तेंदुआ ही हो सकता है। वन परिक्षेत्राधिकारी एके चौबे का कहना है कि मोरगा क्षेत्र में शेर के आने की पुष्टि नहीं हुई है। तेंदुआ ने मवेशियों को दौड़ाया होगा।
गौरतलब है कि केंदई का जंगल पसान होते हुए अचानकमार अभ्यारण से जुड़ा हुआ है। कई बार पाली क्षेत्र के साथ ही शेर घूमते हुए लेमरू जंगल तक पहुंच चुके हैं। 2 साल पहले लेमरू में शेर के पदचिन्ह मिले थे, जिसने मवेशी का शिकार किया था।
मंगलवार को मोरगा सर्किल के बोटोपाल निवासी प्रताप बिंझवार ने वन विभाग को सूचना दी कि जंगल में शेर आ गया है। उसने भैंस पर हमला किया है। इसके बाद बीट गार्ड विनय कंवर भी पहुंचे। साथ ही पदचिन्ह की फोटो लेकर अधिकारियों को भेजा। पहले भी चर्चा थी कि पदचिन्ह भालू या तेंदुआ के ही होंगे। डिप्टी रेंजर अशोक मन्नेवार का कहना है कि इस क्षेत्र में शेर कभी नहीं आया है, लेकिन ग्रामीणों की बात करें तो वे शेर आने की सूचना से सहमे हुए हैं।
वन परिक्षेत्राधिकारी एके चौबे भी मौके पर पहुंचे । इस क्षेत्र में पहले भी तेंदुआ शिकार कर चुका है। एक ग्रामीण ने बताया कि मेरे 20 बकरे शेर ने ही खाये है। हालांकि जंगल में और भी जानवर हैं, जिनके शिकार करने का अंदेशा है।
केंदई व पसान परिक्षेत्र में हाथियों का उत्पात जारी है। रोज सब्जी-बाड़ी के साथ ही गेहूं, चना, मटर की फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं। बेलबंधा में घूम रहे 12 हाथी गांव के मकानों को तोड़ रहे हैं। रात के समय ही पहाड़ से उतरते हैं। सुबह होते ही फिर से जंगल की ओर चले जाते हैं।
वन परिक्षेत्राधिकारी एके चौबे का कहना है कि मोरगा क्षेत्र में शेर के आने की पुष्टि नहीं हुई है। तेंदुआ ने मवेशियों को दौड़ाया होगा। पदचिन्ह भी शेर की तरह नहीं लग रहा है। फिर भी इसकी जानकारी ली जा रही है। ग्रामीणों को सतर्क किया है। क्योंकि शेर हो या तेंदुआ इंसानों को उससे खतरा रहता है। इसलिए सतर्क किया गया है।