November 23, 2024

कोंडागांव : कबाड़ से जुगाड़..कलेक्टोरेट में लगी 10 वीं कक्षा के छात्र ….’आयुष’ की बनाई सेनेटाइजेशन टनल

कोंडागांव। छत्तीसगढ़ के कोंडागांव में  10 वीं कक्षा के एक छात्र ने कबाड़ से जुगाड़ कर कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए एक टनल तैयार किया हैं। यह टनल लाभकारी है इसे देखते हुए प्रशासन ने भी इसे जिलें में कई जगहों पर लगवाने का काम शुरू कर दिया हैं। कोरोना वायरस का प्रसार आज विश्वव्यापी रूप से हो रहा है एवं अब तक इसकी कोई प्रमाणित दवाईंया खोजी नहीं जा सकी है। ऐसे मे कोरोना  वायरस  से बचाव का एक मात्र स्वंय को स्वच्छ रखकर एवं मास्क लगाकर इससे बचाव किया जा सकता है। जहां विभिन्न सरकारे एवं राष्ट्र करोड़ो रूपये लगाकर इससे लोगो की सुरक्षा का प्रयास कर रहें है। वहीं कोण्डागांव के एक 10 वीं कक्षा के सरगीपाल निवासी आयुष श्रीवास्तव ने कम कीमत पर कबाड़ की वस्तुओं से सेनेटाइजेशन टनल बनाकर लोगो की सुरक्षा का प्रयास किया है।

इसके लिए आयुष ने घर के आस पास व्यर्थ पड़ी समाग्री का उपयोग कर सेनेटाइजेशन टनल बनाने का प्रयास किया। जिसके लिए उसने अपने आस-पास पड़ी प्लास्टिक की पाइपो सेे फ्रेम का निर्माण कर कबाड़ से मोटर निकाल टनल के मुख्य हिस्सो का निर्माण किया। इस प्रकार कबाड़ से जुगाड़ के माध्यम से लोगो को राहत पंहुचाने के लिए आयुष ने लॉकडाउन के लगने के उपरांत कोरोना वारियर्स के सेनेटाइजेशन को ध्यान मे रखते हुए अपने घर पर सेनेटाइजेशन टनल आम जनता के लिए बनाया था। जिसे कोई भी व्यक्ति निःशुल्क उपयोग कर सकता था। इस संबध मे आयुष ने बताया कि अनलॉक की प्रकिया चालू होने के साथ शासकीय कार्यालयो एवं दफ्तरो मे लोगो की आवाजाही बढ़ गई है। जिससे कोरोना संक्रमण के फैलने का खतरा यहां बढ़ जाता हैं। ऐसे में शिक्षा विभाग द्वारा मांग किये जोने पर विशेषतः विभाग के लिए सेनेटाइजेशन टनल बनाई गई है। जिसे कम्पोजिट कलेक्ट्रेट भवन मे लगाया गया है। 


आयुष के द्वारा अब तक 10 स्थानो पर यह टनल लगाई गई है। जिसमे जिला पंचायत अध्यक्ष का निवास भी शामिल है। इस टनल के माध्यम से लॉकडाउन के दौरान जनसेवा की तारिफ कोण्डागांव क्षेत्र के विधायक मोहन मरकाम ने भी की है।


आयुष ने बताया कि इस टनल में पाइप और मोटर कबाड़ से लाते है जबकि 2 हजार रूपये का सेंसर उसमे लगाते है। इसके लिए कभी घर से पैसे नही लेते है बल्कि मांग अनुसार ग्राहक से पैसे लेते है जिसमे वह लागत के अतिरिक्त 500 रूपये लेते है। जिसका उपयोग वह बाद मे टनल की मेनटेनेस मे करते है। इसे विकसित करते हुए अब आटोमेटिक सेंसर का प्रयोग कर इसे उन्नत बनाने का प्रयास आयुष द्वारा किया जा रहा है जिसका मूल्य 12 से 15 हजार आयेगा साथ ही इसमें एम्बुलेंस बस आदि का भी सेनेटाइज करने के लिए मॉडल विकास किया जा रहा है।


इस संबध मे कलेक्टर ने कहा कि यह संवेदनशील समय मे एक कम उम्र के बच्चे द्वारा किया गया एक अत्यंत सराहनीय प्रयास है। ऐसे ही अन्य कार्यालयो में  भी टनलो की स्थापना जनसुरक्षा के लिए किया जायेगा। 

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