April 13, 2025

मेड इन छत्तीसगढ़ : गोबर से तैयार हो रही सुंदर और आकर्षक राखियां

rakhi-rakshabandhan_1564479008
FacebookTwitterWhatsappInstagram

रायपुर छत्तीसगढ़ में इस साल गोबर,मिटटी,मौली धागा से निर्मित स्थानित राखियों की धूम हैं। भाई और बहन के स्नेह का प्रतीक रक्षाबंधन का त्योहार है।  इसका इंतजार भाई-बहन बेसब्री से करते हैं।  कोविड-19 के इस दौर में बहनों को राखी की आपूर्ति करने के लिए सरगुजा की महिला समूह की बहनों ने अभिनव पहल की है।  गौठानों में रक्षाबंधन त्योहार के लिए गोबर की राखियां निर्मित की जा रही है।  लुंड्रा विकासखंड के मॉडल गौठान पुरकेला और लमगांव में जागृति, बेंदो, लक्ष्मी और उजाला समूह की दीदियां ये काम बड़े पैमाने पर कर रही हैं।  


स्वसहायता समूह की सदस्यों ने गोबर की राखी बनाकर एक अच्छा प्रयोग किया है. गोबर की राखियों के साथ ही वे धान, मोती, स्टोन और बांस का प्रयोग कर सुंदर और मनमोहक राखियों को तैयार कर रही हैं। 


जिले की 8 स्वसहायता समूह की महिलाएं राखी तैयार रही हैं, जो बेहद आकर्षक और सुंदर हैं. समूह की तरफ से तकरीबन साढ़े पांच हजार राखियां तैयार की जा रही हैं. समूह की महिला ने बताया कि राखी के पहले तक 10 हजार से ज्यादा राखियां बनानी हैं. महिला समूह राखियों में ऊन, रेशम, मौलीधागा और मोतियों का उपयोग भी कर रही हैं। 


राखियों को स्थानीय स्तर पर बेचा जाएगा. जिसके लिए दुकानदारों से बात भी कर ली गई है. राखी की कीमत 20 रुपए से लेकर 35 रुपए तक रखी गई है. अभी तक समूह ने स्थानीय स्तर पर लगभग 1500 राखियों को बेचकर फायदा कमाया है. वहीं बच्चों के लिए कार्टून राखियां भी बनाई जा रही हैं। 


मुख्य कार्यपालन अधिकारी कुलदीप शर्मा ने बताया कि महिला स्व सहायता समूह ने रक्षा बंधन को देखते हुए यह एक बहुत अच्छा काम किया है. इसकी बिक्री से उन्हें निश्चित रूप से आर्थिक लाभ मिलेगा और उनकी आजीविका के अवसर भी बनेंगे। 

FacebookTwitterWhatsappInstagram

मुख्य खबरे

error: Content is protected !!
Exit mobile version