महाकुंभ भगदड़ : 14 की मौत, 50 से ज्यादा घायल; CM योगी बोले- हालात काबू में; अब तक 3.61 कराेड़ लोगों ने लगाई डुबकी

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से बड़ी खबर है। महाकुंभ में मंगलवार (28 जनवरी) देर रात भगदड़ मच गई। संगम तट पर करीब डेढ़ बजे मची भगदड़ में 14 से अधिक लोगों की मौत हो गई। 50 से ज्यादा घायल हैं। भगदड़ के बाद प्रशासन के अनुरोध पर सभी 13 अखाड़ों ने बुधवार(29 जनवरी) को मौनी अमावस्या का अमृत स्नान रद्द कर दिया है। प्रशासन ने मौत या घायलों की संख्या को लेकर कोई जानकारी नहीं दी।
अफवाह के कारण मची भगदड़
मंगलवार-बुधवार की रात करीब डेढ़ बजे संगम नोज पर अचानक भगदड़ मची। शुरुआती जानकारी के मुताबिक, किसी अफवाह के कारण श्रद्धालुओं में घबराहट फैल गई और भीड़ बेकाबू हो गई। अफरातफरी के दौरान कुछ महिलाएं नीचे गिर गईं, जिसके बाद लोग उन्हें कुचलते हुए आगे बढ़ गए। इस घटना के बाद प्रशासन ने स्थिति को काबू में लाने के लिए एनएसजी कमांडो को तैनात कर दिया है। वहीं, श्रद्धालुओं की भीड़ को काबू करने के लिए संगम नोज इलाके में आम लोगों की एंट्री पर रोक लगा दी गई है।
अखाड़ों ने रद्द किया था स्नान
महाकुंभ के सबसे बड़े स्नान पर्व मौनी अमावस्या के दिन इस हादसे के बाद अखाड़ों ने बड़ा फैसला लिया है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा, ‘संगम नोज पर भारी भीड़ को देखते हुए सभी 13 अखाड़ों ने आज का अमृत स्नान रद्द कर दिया है।’ वहीं, पंचायती निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी ने कहा कि अत्यधिक भीड़ को देखते हुए बसंत पंचमी के दिन स्नान किया जाएगा। स्वामी रामभद्राचार्य ने भी श्रद्धालुओं से अपील की कि वह किसी और घाट पर स्नान करें और अपनी सुरक्षा का विशेष ध्यान रखें। हालांकि, बाद में घाटों पर भीड़ घटने के बाद अमृत स्नान जारी रखने की इजाजत दे दी गई।
पीएम मोदी और सीएम योगी ने लिया संज्ञान, सुरक्षा व्यवस्था कड़ी
महाकुंभ में भगदड़ की घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फोन पर बात कर पूरी जानकारी ली। वहीं, गृहमंत्री अमित शाह ने भी सीएम योगी से घटना पर चर्चा की और केंद्र की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया। प्रशासन ने हालात पर काबू पाने के लिए प्रयागराज शहर में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर अस्थायी रोक लगा दी है। शहर की सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और 60,000 से ज्यादा सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है।
जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने श्रद्धालुओं से की अपील
जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने श्रद्धालुओं से संयम बरतने की अपील की है।स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा, ‘आज प्रयागराज में अत्यधिक भीड़ एकत्र हो चुकी है, इसलिए श्रद्धालुओं को केवल संगम घाट पर स्नान करने की जिद नहीं करनी चाहिए।’ स्वामी रामभद्राचार्य ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि फिलहाल अपने शिविरों में ही रहें और अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता दें। साथ ही, सुझाव दिया कि भक्तजन नजदीकी अन्य घाटों पर स्नान कर सकते हैं ताकि संगम घाट पर भीड़ न बढ़े और किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
महंत रविंद्र पुरी ने कहा- प्रशासन का सहयोग करें
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने महाकुंभ में हुई भगदड़ जैसी स्थिति पर दुख जताया है। महंत रविंद्र पुरी ने कहा कि हम इस घटना से बेहद दुखी हैं। हजारों श्रद्धालु हमारे साथ थे, लेकिन जनहित में अखाड़ों ने आज के स्नान में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है। महंत रविंद्र पुरी ने अपील की कि श्रद्धालु आज की बजाय वसंत पंचमी पर स्नान करें। महंत पुरी ने कहा कि हादसा इसलिए हुआ क्योंकि लोग संगम घाट पहुंचना चाहते थे, जबकि उन्हें जहां भी गंगा का प्रवाह मिले, वहीं स्नान कर लेना चाहिए। महंत ने प्रशासन का बचाव करते हुए कहा कि करोड़ों श्रद्धालुओं को संभालना आसान नहीं है, इसलिए हमें प्रशासन के साथ सहयोग करना चाहिए।
साध्वी निरंजन ज्योति ने घटना पर जताया दुख
केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि यह एक दुखद घटना है। जो कुछ हुआ, वह सही नहीं था। अखाड़ा परिषद ने जनहित को ध्यान में रखते हुए अमृत स्नान रद्द करने का फैसला लिया है। साध्वी ने कहा कि मेले में अनुमान से अधिक श्रद्धालु एकत्रित हो गए हैं, जिससे व्यवस्था प्रभावित हुई है। साध्वी निरंजन ज्योति ने श्रद्धालुओं से कहा कि पूरा मेला क्षेत्र ही कुंभ है, इसलिए केवल त्रिवेणी घाट पर ही स्नान करने की जिद न करें, बल्कि किसी भी घाट पर आस्था की डुबकी लगा सकते हैं।
महाकुंभ में अब तक 5 करोड़ श्रद्धालु कर चुके हैं स्नान
इस हादसे से एक दिन पहले मंगलवार को साढ़े पांच करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया था। प्रशासन का अनुमान था कि मौनी अमावस्या के दिन देर रात तक 8 से 10 करोड़ श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगाएंगे। लेकिन हादसे के कारण सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई प्रतिबंध लगा दिए गए हैं। पूरे शहर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं, ताकि आगे किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचा जा सके।