महाराष्ट्र की उद्धव सरकार ने पेश किया ‘शक्ति बिल’, महिलाओं-बच्चों के खिलाफ अपराध पर है मौत की सजा का प्रावधान
मुंबई। महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Govt) ने सोमवार को राज्य में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हिंसा और यौन अपराधों की घटनाओं की रोकथाम के लिए शक्ति बिल (Shakti Bill) पेश किया. शक्ति विधेयक को हैदराबाद दिशा अधिनियम की तर्ज पर तैयार किया गया है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने सदन में इस बिल को रखा. संख्या बल को देखते हुए इसके बिना किसी दिक्कत के पास होने की संभावना है. इस बिल में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हिंसा और यौन अपराधों के दोषियों के लिए मृत्युदंड, आजीवन कारावास और भारी जुर्माना सहित कड़ी सजा और मुकदमे की त्वरित सुनवाई के प्रावधान हैं.
बिल के अंतर्गत महिलाओं और बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों पर कठिन सजा का प्रावधान है. बीते बुधवार को गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) ने मंत्रिमंडल की एक बैठक में विधेयक के मसौदे को मंजूरी दी थी. देशमुख के अनुसार इसमें 15 दिनों के भीतर किसी मामले में जांच पूरी करने और 30 दिन के अंदर सुनवाई का प्रावधान है.
बिल में क्या शामिल है
बिल में महिलाओं-बच्चों के खिलाफ अपराध में मौत की सजा, आजीवन कारावास और हिंसा के अपराधियों पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना, तेज जांच और मामलों के त्वरित निपटारे के प्रावधान हैं. विधेयक में बलात्कार, यौन उत्पीड़न, एसिड हमले और भारतीय दंड संहिता के बाल यौन शोषण, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण के मौजूदा वर्गों में बदलाव का प्रस्ताव है.
मसौदा विधेयक में बलात्कार, सामूहिक बलात्कार, प्राधिकरण में व्यक्तियों द्वारा बलात्कार, नाबालिगों के यौन उत्पीड़न और एसिड अटैक के मामलों में मौत की सजा के का प्रस्ताव दिया गया है. बिल में दोषी पाए जाने वालों पर 10 लाख रुपये तक का अतिरिक्त जुर्माना लगाने की भी मांग की गई है.